निजी जरूरत के लिए जैमर और बूस्टर लगाना अवैध, सरकार से इजाजत के बाद ही किया जा सकता है इस्तेमाल
अभी सिर्फ राज्य या केंद्रशासित सुरक्षा बल केंद्रीय पुलिस जैसे संगठन भारत सरकार की इजाजत से जैमर का इस्तेमाल कर सकते हैं। संचार मंत्रालय के मुताबिक निजी सेक्टर से जुड़े संगठन और निजी रूप से कोई व्यक्ति न तो जैमर की खरीदारी कर सकता है और न ही इस्तेमाल।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संचार मंत्रालय ने कहा है कि निजी जरूरत के लिए वायरलेस जैमर और बूस्टर लगाना अवैध है। विशेष परिस्थितियों में सरकार की अनुमति से ही जैमर और सेल्युलर सिग्नल को मजबूत करने के लिए बूस्टर लगाए जा सकते हैं। कुछ माह पहले सरकार ने ई-कामर्स प्लेटफार्म पर बिक रहे जैमर और बूस्टर को लेकर आपत्ति जताते हुए इन कंपनियों को चेतावनी जारी की थी। जैमर और बूस्टर जैसी चीजों का आयात सरकार से अनुमति के बाद ही किया जा सकता है। आयातित जैमर और बूस्टर देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
संचार मंत्रालय के मुताबिक, वर्तमान में अभी सिर्फ राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा बल, केंद्रीय पुलिस जैसे संगठन भारत सरकार की अनुमति से जैमर का इस्तेमाल कर सकते हैं। निजी सेक्टर से जुड़े संगठन और निजी रूप से कोई व्यक्ति न तो जैमर की खरीदारी कर सकता है और न ही जैमर का इस्तेमाल कर सकता है। मंत्रालय के मुताबिक, भारत में जैमर को बाजार में बेचना, खरीदना, उसका विज्ञापन देना, उसका वितरण करना सब कुछ अवैध है।
लोगों की सुरक्षा के लिहाज से है खतरनाक बूस्टर
मंत्रालय ने कहा है कि मोबाइल फोन सिग्नल को मजबूत करने के लिए लोग बूस्टर लगा लेते हैं, लेकिन इससे सार्वजनिक संचार सेवा बाधित होती है और उसकी गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है। बूस्टर की वजह से मोबाइल फोन से आपातकालीन सेवा बाधित हो सकती है जो लोगों की सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है।
वायरलेस जैमर पर मंत्रालय ने दी यह खास सलाह
1. जीपीएस अवरोधक, सेलुलर सिग्नल जैमर और अन्य जैमिंग उपकरणों का उपयोग करना अवैध है।
2. निजी क्षेत्र के संगठनों के लिए भारत में जैमिंग उपकरणों का उपयोग करना या खरीदना गैरकानूनी है।
3. सरकार की अनुमति के बिना भारत में जैमर को बेचना, विज्ञापित करना और वितरित करना अवैध है।
4. लाइसेंस प्राप्त दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के अलावा किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा मोबाइल सिग्नल रिपीटर और बूस्टर का स्वामित्व, बिक्री या उपयोग करना भी गैरकानूनी है।
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