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    कर्नाटक में हनीट्रैप मामले में CID जांच शुरू, मंत्री राजन्ना के आवास के अधिकारी-कर्मचारियों से पूछताछ

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Fri, 28 Mar 2025 06:54 AM (IST)

    कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना के बेटे और कांग्रेस के एमएलसी राजेंद्र राजन्ना ने गुरुवार को कहा कि राज्य पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआइडी) के अधिकारियों ने हनीट्रैप मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि हनीट्रैप के जरिये केएन राजन्ना को फंसाने की कोशिश की गई थी। राजेंद्र ने कहा मेरा मानना है कि हनीट्रैप मामला सीआइडी को सौंप दिया गया है।

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    मंत्री राजन्ना के बेटे ने कहा - 'हनीट्रैप' मामले की सीआइडी जांच शुरू (सांकेतिक तस्वीर)

    पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना के बेटे और कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) राजेंद्र राजन्ना ने गुरुवार को कहा कि राज्य पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआइडी) के अधिकारियों ने 'हनीट्रैप' मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।

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    कर्मचारियों से पूछताछ की गई

    आरोप है कि 'हनीट्रैप' के जरिये केएन राजन्ना को फंसाने की कोशिश की गई थी। राजेंद्र ने कहा, मेरा मानना है कि हनीट्रैप मामला सीआइडी को सौंप दिया गया है। सीआइडी ने राजन्ना को आवंटित सरकारी आवास का दौरा किया और कर्मचारियों से पूछताछ की। जांच गृह मंत्री को सौंपी गई अर्जी पर आधारित है।

    केएन राजन्ना ने मंगलवार को राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर को याचिका सौंपी थी, जिसमें उन्हें हनीट्रैप में फंसाने के कथित प्रयासों के संबंध में जांच और आवश्यक कार्रवाई की मांग की थी।

    राज्य में 48 व्यक्तियों को हनीट्रैप में फंसाया गया

    परमेश्वर ने कहा कि सरकार कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करने तथा मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करने के बाद आवश्यक कार्रवाई करेगी। पिछले सप्ताह केएन राजन्ना ने दावा किया था कि राज्य में 48 व्यक्तियों को हनीट्रैप में फंसाया गया है।

    हत्या करने के इरादे से आए थे कुछ लोग

    राजेंद्र राजेंद्र राजन्ना ने कर्नाटक के डीजीपी आलोक मोहन से मुलाकात की। उन्होंने दावा किया, 16 नवंबर को मेरी बेटी का जन्मदिन था। एक दिन पहले कुछ लोग शामियाना बनाने आए थे। कथित तौर पर वे मुझ पर हमला करने या मेरी हत्या करने के इरादे से आए थे। उनका प्रयास असफल रहा। मुझे जनवरी में अपने स्त्रोत से पायस रिकॉर्डिंग मिलने के बाद इस बारे में पता चला।

    उन्होंने बताया कि रिकार्डिंग में दो नाम - सोमा और भरत - सामने आए, जिसमें दो व्यक्तियों के बीच उनके खाते में पांच लाख रुपये के भुगतान के बारे में चर्चा हो रही थी। राजेंद्र ने कहा कि उन्होंने हाल ही में यह मामला मुख्यमंत्री सिद्दरमैया के ध्यान में लाया था।

    मुख्यमंत्री ने उन्हें सभी जानकारी एकत्र करने और डीजीपी को सौंपने की सलाह दी थी। राजेंद्र ने कहा, मैं उन दो लोगों को नहीं जानता और न ही उनके इरादों को जानता हूं। मैंने मामले को मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के संज्ञान में लाया है। मैंने ऑडियो रिकॉर्डिंग और सभी संबंधित जानकारी डीजी को सौंप दी है, जिन्होंने मुझे एसपी (तुमकुरु) से संपर्क करने और वहां शिकायत दर्ज करने की सलाह दी है।

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