आंध्र प्रदेश में मंगलागिरि एम्स पर हिंसक हुए प्रवासी मजदूर, पुलिस को करना पड़ा लाठी चार्ज
छत्तीसगढ़ झारखंड ओडिशा और उत्तर प्रदेश के 3000 से ज्यादा कामगार एम्स के निर्माण स्थल पर काम कर रहे हैं। कामगार अपने गृह राज्य भेजने की मांग कर रहे हैं ...और पढ़ें

विजयवाड़ा, आइएएनएस। मंगलागिरि में अपने घर भेजने की मांग पर अड़े प्रवासी कामगार हिंसक हो उठे। उग्र कामगारों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
यह घटना गुंटूर जिले में निर्माणाधीन एम्स पर घटी है। प्रवासी कामगार शुक्रवार को निर्माण स्थल पर सिक्योरिटी कार्यालय में घुस गए और तोड़फोड़ मचाई। पुलिस के दंगा रोधी दस्ते ने परिसर में प्रदर्शन कर रहे कामगारों को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग किया।
छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के 3000 से ज्यादा कामगार एम्स के निर्माण स्थल पर काम कर रहे हैं। कामगार अपने गृह राज्य भेजने की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने तीन दिनों पहले आश्वासन देने के बावजूद यातायात की व्यवस्था नहीं किए जाने को लेकर अधिकारियों के सामने प्रदर्शन किया। अधिकारियों ने उन्हें यह कहकर शांत करने का प्रयास किया कि गुंटूर जिला रेड जोन है, इसलिए उनके यहां की सरकारें उन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके बाद भी वे नहीं माने और हिंसक हो उठे।
काम धंधा बंद होने से मजदूरों को हो रही दिक्कत
वहीं, दूसरी ओर कोरोना से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया है। ऐसे में सबसे बड़ी दिक्कत उन उद्यमियों के सामने खड़ी हो गई है, जिनकी कंपनियां या कामगारों का काम लगभग डेढ़ महीने से बंद हैं। वहीं, मजूदरों के पलायन के चलते लॉकडाउन खुलने के बाद भी इस समस्या से निजात मिलती नहीं दिखाई दे रही है। यही कारण है कि जहां दिल्ली और हरियाणा के सरकारें पूरा जोर लगा रही हैं कि मजदूर अपने घरों को न लौटें। वहीं, मप्र, छग में कई तरह की छूट देकर उद्यमियों को कुछ राहत दी गई है।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के और बढ़ने से मजदूर अब अपने घर लौटने को विवश हो गए हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से मजदूर पैदल ही अपने घर पहुंच रहे हैं। वहीं सरकार भी श्रमिक एक्सप्रेस चलाकर मजदूरों को अपने घर भेजने में मदद कर रही है।

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