Indian Railways की एक और बड़ी पहल, कोरोना संकट में खाली नहीं बैठेंगे मजदूर; अब रेलवे देगा काम
Indian Railways रेल मंत्री पीयूष गोयल ने देशभर के सभी रेल जोन के महाप्रबंधकों की बैठक कर निर्देश दिया है कि जोन अपनी सीमा में चल रहे कार्यो को मनरेगा के तहत कराएं।
अतुल शुक्ला, जबलपुर। लॉकडाउन में महानगरों व शहरों से काम छोड़कर अपने गांव आए मजदूरों को अब काम मिलने में परेशानी नहीं होगी। मजदूर अब घर पर नहीं बैठेंगे। रेलवे ने निर्णय लिया है कि केंद्र सरकार की बहुचर्चित महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के तहत वह इन मजदूरों को काम देगा। रेलवे ने इसकी शुरआत भी कर दी है। रेलवे इनसे ग्रामीण और शहर के रेलवे स्टेशन के निर्माण कार्य से लेकर लेवल क्रॉसिंग, पटरियों के आसपास की सफाई, मिट्टी-गिट्टी की भराई, सफाई और पौधरोपण जैसे काम कराएगा। वर्तमान में रेलवे को भी अपनी अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए मजदूरों की कमी हो रही है। इसे मनरेगा के जरिये वह दूर करेगा।
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि ट्रेन, पटरी और स्टेशन की संरक्षा से जुड़े सभी कामों को वह अपने अनुभवी कर्मचारी और मशीनों के माध्यम से ही पूरा कराएगा, लेकिन इन कामों से जुड़े अन्य छोटे-छोटे कामों को वह मनरेगा के जरिये मजदूरों से भी करा सकता है। दरअसल, रेलवे की प्राथमिकता में संरक्षा सबसे महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे अब तक वह अपने रनिंग स्टाफ से ही कराता है। इसके अलावा रेलवे के पास संरक्षा के कामों के लिए आधुनिक मशीनें भी मौजूद हैं।
राज्य और जिला प्रशासन को दी जानकारी
पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर, भोपाल और कोटा रेल मंडल की सीमा में चल रही परियोजनाओं और अन्य कामों की जानकारी राज्य और जिला प्रशासन को दे दी गई है। अब प्रशासन इन परियोजनाओं के कार्य स्थल के आसपास रहने वाले मजदूरों की जानकारी एकत्रित कर रेलवे की देगा। इसमें मजदूरों को कुशल, अर्द्धकुशल और अकुशल श्रेणी में बांटकर रखा जाएगा, ताकि रेलवे अपने कार्य के अनुरूप इन्हें काम दे सके।
भुगतान मनरेगा से होगा
रेलवे में मनरेगा के तहत जो मजदूर काम करेंगे उनका पारिश्रमिक मनरेगा खाते से ही केंद्र सरकार द्वारा दिया जाएगा। इसका भुगतान रेलवे नहीं करेगा।
रेल मंत्री का सभी जोन को निर्देश
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने देशभर के सभी रेल जोन के महाप्रबंधकों की बैठक कर निर्देश दिया है कि जोन अपनी सीमा में चल रहे कार्यो को मनरेगा के तहत कराएं। इसके लिए वह राज्य सरकार और जिला प्रशासन के साथ समन्वय करें। यह निर्देश मिलने के बाद पश्चिम मध्य रेलवे ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। पश्चिम मध्य रेलवे के निर्माण और इंजीनिय¨रग विभाग के आलाधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पौने पांच करोड़ से ज्यादा ने मनरेगा में मांगा काम
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के नए आंकड़ों के मुताबिक मनरेगा के तहत तकरीबन साढ़े तीन करोड़ परिवार के लगभग चार करोड़ 89 लाख लोगों ने मई माह में काम मांगा है। यह अब तक के रिकॉर्ड में सर्वाधिक है। इसकी वजह है कि कोरोना के कारण बड़ी संख्या में महानगर और अन्य शहरों से मजदूरों ने पलायन कर लिया है। वे अपने गांव पहंुच गए हैं।
ये काम शुरू
अभी पश्चिम-मध्य रेलवे के जबलपुर-कटनी, कटनी-सिंगरौली और कटनी- बीना के बीच काम शुरू हो गया है।
पश्चिम मध्य रेलवे के एजीएम शोभन चौधरी ने बताया कि पश्चिम मध्य रेलवे ने मनरेगा के तहत काम करना शुरू कर दिया है। इसमें जबलपुर, भोपाल और कोटा तीनों मंडल काम कर रहे हंै। रेलवे, राज्य और जिला प्रशासन ने साथ बैठक कर पूरी प्रक्रिया तैयार की है।