प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में दिशा-निर्देशों का सख्ती से हो पालन : केंद्र
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रवासी मजदूरों छात्रों और श्रद्धालुओं को पहुंचाने में दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रवासी मजदूरों, छात्रों और श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम केंद्र सरकार के जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए करना होगा।
केंद्र सरकार ने विगत बुधवार को इस संबंध में नई गाइडलाइन जारी करते हुए कहा था कि अलग-थलग पड़ गए छात्रों, प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों और प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों या उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों को शारीरिक दूरी और अन्य दिशा-निर्देशों का पालन सख्ती से करना होगा ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले।
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि लोगों के समूह को सुरक्षित रवाना करने के लिए बसों का इस्तेमाल करने के ही आदेश हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की आवाजाही की व्यवस्था करते हुए राज्य सरकारों को कुछ खास बातें दिमाग में रखनी होंगी।
उन्होंने कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी और राज्य में फंसे लोगों के लिए नोडल अधिकारियों की तैनाती करनी होंगी, जो इसके सुव्यवस्थित संचालन के लिए प्रोटोकाल तय करेंगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या तीन मई के बाद ई-कामर्स की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी? उन्होंने जवाब दिया कि हमें नए आदेश के जारी होने का इंतजार करना चाहिए।
उधर केंद्र ने सामान ढोने वाले ट्रकों की आवाजाही में बाधा डालने वाले राज्यों को कड़ी फटकार लगाई है। केंद्र सरकार ने साफ किया है कि सामान ढोने वाले वाहनों की बिना रोक-टोक के एक से दूसरे राज्य में आने-जाने की पूरी छूट है। ऐसे में राज्य सरकारें इसमें कोई रुकावट नहीं डाल सकती हैं। सरकार ने राज्यों को ट्रकों की बिना रोक-टोक के आवाजाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर इस बात पर नाराजगी जताई है कि राज्य सामान ढोने वाले वाहनों के प्रवेश के लिए अलग से पास जारी कर रहे हैं। यही नहीं पास के बिना वाहनों को प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। अजय भल्ला के अनुसार यह केंद्र के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।