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    मणिपुर में फिर बिगड़ सकते हैं हालात! म्यांमार से लौटने लगे हैं मैतेई विद्रोही, पढ़ें क्यों है खतरे की घंटी

    मणिपुर में एक बार फिर हालात बिगड़ने का अंदेशा है। म्यामांर के सिविल वॉर में लड़ने वाले मैतेई विद्रोही अब वापस मणिपुर की ओर लौटने लगे हैं। सुरक्षा बलों का कहना है कि इससे राज्य के नए हिस्सों में भी संघर्ष फैल रहा है। इन विद्रोहियों के पास कई आधुनिक हथियार हैं। अपने ऑपरेशन को फंड करने के लिए ये वसूली और ड्रग्स का कारोबार करते हैं।

    By Jagran News Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Fri, 20 Dec 2024 02:08 PM (IST)
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    सरकार ने म्यांमार से लगती करीब 1600 किलोमीटर लंबी सीमा पर फेंसिंग करने की घोषणा की थी (फोटो: रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। म्यांमार के गृह यु्द्ध में लड़ने वाले भारतीय विद्रोही गुट अब मणिपुर की सीमा की ओर लौट रहे है। इससे राज्य में पिछले 19 महीने चल रहा हिंसक संघर्ष और भड़क गया है।

    इस वजह से मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है। मई 2023 से अब तक, इस हिंसा में 260 लोगों की मौत हो गई है, वहीं 60 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं।

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    सेना और पुलिस के अधिकारियों ने रॉयटर्स से बातचीत ने कहा कि विद्रोही गुटों के सीमा पार आने की वजह से नए इलाकों में भी संघर्ष फैल रहा है।

    आधुनिक हथियारों से लैस विद्रोही

    ये विद्रोही रॉकेट लॉन्चर समेत कई आधुनिक हथियारों से लैस हैं। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने राज्य में 10 हजार और सैनिकों की तैनाती का एलान किया है। अब राज्य में कुल 67 हजार सैनिकों के अलावा 30 हजार पुलिस बल के जवान भी तैनात रहेंगे।

    अधिकारियों ने बताया कि विद्रोही गुट अपने हथियारों की खरीद और ऑपरेशन को फंड करने के लिए वसूली और अवैध ड्रग्स का व्यापार कर रहे हैं, जिससे राज्य में क्राइम बढ़ रहा है।

    पिछले साल भड़की थी हिंसा

    मणिपुर पुलिस के पूर्व चीफ यमनम जॉय कुमार सिंह ने इस मामले में कहा, 'पिछले 10 सालों में हमने जिन विद्रोहियों पर काबू पाया, वह अब फिर से पैर पसार रहे हैं। कुछ म्यांमार से वापस आ चुके हैं, कुछ लौट रहे हैं।'

    मणिपुर की सीमा म्यांमार से लगती है। यहां की आबादी करीब 32 लाख है। पिछले साल मैतेई समुदाय को कुकी समुदाय को मिलने वाली सुविधाएं देने के कोर्ट के आदेश के बाद यहां हिंसा भड़क गई थी।

    गृह युद्ध में शामिल रहे कई मैतेई

    दरअसल कई मैतेई ग्रुप म्यांमार में हुए सिविल वार में विद्रोही गुटों की तरफ से लड़ रहे थे। उनके कैडर में करीब 2000 लोग थे। उन्होंने बर्मी की कुकी नेशनल आर्मी और पीपल डिफेंस फोर्स के खिलाफ जंग छेड़ रखी थी।

    इसमें से कई मैतेई ग्रुप मिलिट्री की मदद से म्यामांर में बने कैंप से ही ऑपरेट करते थे। लेकिन अब ये बिखर गए हैं और वापस मणिपुर की तरफ लौट रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि लौट रहे विद्रोहियों की संख्या का अंदाजा अभी नहीं लगाया जा सकता।

    सीमा से होती है गिरफ्तारी

    पिछले साल म्यामांर बॉर्डर से लौट रहे ऐसे ही 100 मैतेई विद्रोहियों को गिरफ्तार किया गया था। इस साल भी करीब 200 लोगों को पकड़ा गया है। इनके अलावा करीब 50 कुकी विद्रोहियों को भी गिरफ्तार किया गया है।

    फरवरी में ही भारत सरकार ने म्यांमार से लगती करीब 1600 किलोमीटर की सीमा पर फेंसिंग करने की घोषणा की थी। सुरक्षा बलों को अंदेशा है कि ये विद्रोही रॉकेट लॉन्चर, मशीन गन और असॉल्ट राइफल जैसे कई अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं।