Mehul Choksi: भारत की इस जेल में रहेगा भगोड़ा मेहुल चोकसी, मिला बैरक नंबर 12...; अंदर की डिटेल आई बाहर
मुंबई की आर्थर रोड जेल में भगोड़े मेहुल चोकसी के लिए विशेष बैरक तैयार की गई है। भारत ने बेल्जियम को तस्वीरें सौंपी ताकि जेलों की स्थिति पर सफाई दी जा सके। चोकसी को बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जहाँ पहले अजमल कसाब था। बेल्जियम की अदालत ने चोकसी के दावों को खारिज करते हुए प्रत्यर्पण का मार्ग प्रशस्त किया। भारत सरकार ने चोकसी के अधिकारों और स्वास्थ्य की रक्षा का आश्वासन दिया है।

मेहुल चोकसी के लिए आर्थर रोड जेल तैयार
राज्य ब्यूरो, मुंबई, 22 अक्टूबर। मुंबई की आर्थर रोड जेल में भगोड़े जौहरी मेहुलचोकसी को रखने के लिए बुनियादी सुविधाओं से युक्त दो कमरों वाली बैरक तैयार की गई है। इस बैरक की तस्वीरें भारत ने बेल्जियम के अधिकारियों को सौंपी हैं। उम्मीद है कि चोकसी को जल्दी ही बेल्जियम से प्रत्यर्पित कर भारत लाया जाएगा। भारत की ओर से बेल्जियम को ये तस्वीरें इसलिए सौंपी गई हैं ताकि भारत की जेलों की खराब स्थिति के दावों का खंडन किया जा सके।
चोकसी को आर्थर रोड जेल की बैरक संख्या 12 में रखा जाएगा। 26/11 के आंतकी हमले के आरोपित अजमल कसाब को भी इसी बैरक में रखा गया था। चोकसी की जांच न्यायिक हिरासत में इसी बैरक में रहते हुए होगी, ना कि जांच एजेंसियों की हिरासत में। बता दें कि बेल्जियम की अदालत में मेहुल के वकीलों ने आरोप लगाया था कि भारत की जेलें अत्यंत भीड़भाड़ वाली एवं असुरक्षित हैं। लेकिन बेल्जियम की अदालत चोकसी के बचाव के इस तर्क को खारिज कर चुकी है।
मेहुल चोकसी के लिए आर्थर रोड जेल तैयार
चोकसी के वकीलों ने बेल्जियम की अदालत में यह आरोप भी लगाया था कि भारत की जेलों की हालत खराब है और न्यायपालिका में स्वतंत्रता का अभाव है। वहां की अदालत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि संबंधित व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टें सिख आंदोलन और तिहाड़ जेल जैसे असंबंधित मामलों से संबंधित हैं, और यह साबित नहीं करतीं कि चोकसी को भारत में अन्याय या दुर्व्यवहार का कोई व्यक्तिगत खतरा है।
बैरक नंबर 12 में रहेगा चोकसी
बेल्जियम की अदालत ने चोकसी की ओर से उठाई गई मीडिया ट्रायल की आशंका पर भी टिप्पणी की है कि धोखाधड़ी के मामलों की मीडिया कवरेज स्वाभाविक है और इसका मतलब पक्षपात या निष्पक्ष सुनवाई के अधिकारों का उल्लंघन नहीं है। अदालत ने आगे कहा है कि चोकसी ऐसा कोई सबूत पेश करने में विफल रहा है, जिससे यह पता चले कि उसे भारत में यातना, अनुचित सुनवाई या चिकित्सा देखभाल से वंचित किया जाएगा। बेल्जियम की अदालत के इस आदेश ने चोकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है, तथा राजनीतिक उत्पीड़न और मानवाधिकार उल्लंघन के उसके दावों को खारिज कर दिया है।
बेल्जियम अदालत ने प्रत्यर्पण का मार्ग खोला
बता दें कि अपनी दलील में भारत सरकार ने भी आश्वासन दिया है कि चोकसी के अधिकारों और स्वास्थ्य की रक्षा की जाएगी। उसने कहा कि आर्थर रोड जेल हिरासत के अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करती है और आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान करती है। भारत के नोट में कहा गया है कि वह व्यक्ति विशेष रूप से बैरक नंबर 12 में रहेगा और उसे केवल चिकित्सा कारणों या अदालती सुनवाई के लिए ही स्थानांतरित किया जाएगा। वह भारत की न्यायिक अदालतों के अधीन होगा, ना कि जाँच एजेंसी के।
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