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    बॉर्डर पर बाड़ क्यों नहीं लगाने देता बांग्लादेश? अंदर की वजह आ गई सामने; खुल गई यूनुस सरकार की पोल

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 11:30 PM (IST)

    मेघालय सरकार ने बांग्लादेश से घुसपैठ के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार से सीमा पर तार बाड़ लगाने की प्रक्रिया तेज करने की अपील की है क्योंकि मेघालय और बांग्लादेश के बीच 40 किलोमीटर की सीमा खुली है। भारतीय एजेंसियों का कहना है कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद पाकिस्तान की तरफ झुकी सरकार की वजह से सीमाओं की बाड़बंदी और भी जरूरी है।

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    टूटने न पाए तस्करी नेटवर्क, इसलिए बांग्ला बार्डर पर बाड़बंदी नहीं चाहता जमात। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश से घुसपैठ के खतरे को देखते हुए मेघालय सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से अपील की है कि वह बार्डर पर तार बाड़ लगाने की प्रक्रिया तेज करे।

    मेघालय और बांग्लादेश के बीच 40 किलोमीटर की सीमा खुली हुई है। हालांकि, बांग्लादेश सीमा पर बाड़बंदी का विरोध करता रहा है। भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर तार-बाड़ लगाना हमेशा संवेदनशील मुद्दा रहा है।

    बांग्लादेश बाड़ लगाने के मुद्दे पर जता चुका है चिंता

    जनवरी में, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ढाका में भारतीय उच्चायुक्त को बुलाया और तार-बाड़ लगाने के प्रयासों को लेकर चिंता व्यक्त की थी। भारत ने स्पष्ट किया है कि उसने दोनों सरकारों के बीच सभी प्रोटोकॉल और समझौतों का पालन किया है।

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    बांग्लादेश तक आसानी से पहुंच सकते हैं पाकिस्तानी

    बांग्ला बॉर्डर से पाक आतंकियों का खतरा बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद पाकिस्तान की तरफ झुकी नई सरकार की वजह से सीमाओं की बाड़बंदी अब और भी महत्वपूर्ण मुद्दा है। भारतीय एजेंसियों का कहना है कि वर्तमान सरकार के तहत पाकिस्तान को बांग्लादेश तक पूरी पहुंच है। खुली सीमाओं के जरिये पाकिस्तान आतंकवादियों को आसानी से भारत में घुसपैठ करा सकती है।

    बांग्लादेश में मॉड्यूल तैयार कर रहा पाकिस्तान

    पाकिस्तान पूर्वी राज्यों में हमला करने के लिए बांग्लादेश में मॉड्यूल भी तैयार कर रहा है। यूनुस के सत्ता में आने के बाद, अंसारुल्ला बांग्ला टीम के कई आतंकवादियों को रिहा किया गया। खुली सीमाओं के कारण ऐसे तत्वों का अंदर आना आसान हो जाता है।

    बाड़ का विरोध करती आई है यूनुस सरकार

    जमात के अवैध धंधे बंद होने का खतरा बांग्लादेश बार्डर से बड़े पैमाने पर घुसपैठ, जाली मुद्रा, हथियारों की तस्करी और अवैध मवेशी व्यापार होते रहे हैं। मुहम्मद यूनुस के तहत सरकार तार बाड़ का इसलिए भी विरोध करती है क्योंकि यह जमात-ए-इस्लामी के अधीन है, जिसकी छत्रछाया में बड़े पैमाने पर घुसपैठ अभियान चलता है। सीमा पर बाड़बंदी से वे अपने रैकेट नहीं चला सकेंगे।

    जमात न केवल बाड़ का विरोध कर रही है, बल्कि सीमा क्षेत्रों में सौर लाइटों के उपयोग का भी विरोध कर रही है। 950 किलोमीटर सीमा पर बाड़बंदी बाकी भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096.7 किलोमीटर लंबी सीमा है। भारत ने 1986 में घुसपैठ की बढ़ती चिंताओं के कारण तार बाड़ लगाना शुरू किया था। वर्तमान में, लगभग 950 किलोमीटर की सीमा है जो अभी तक बाड़ नहीं लगाई गई है। (इनपुट आईएएनएस के साथ)

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