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    Meghalaya: उमियाम झील में भरता जा रहा प्लास्टिक कचरा, AI संचालित रोबोटिक नाव से होगी सफाई

    By AgencyEdited By: Nidhi Avinash
    Updated: Sun, 27 Aug 2023 12:58 PM (IST)

    मेघालय उमियाम झील को साफ करने के लिए एआई-संचालित नाव का उपयोग करने की योजना बना रहा है। बता दें शिलांग से होकर बहने वाली उमखरा और उमशिरपी नदियां हर दिन टनों में प्लास्टिक झील के दक्षिणी हिस्से में जाकर गिरती हैं जिसे केवल नाव के द्वारा ही साफ किया जा सकता है। क्लियरबॉट कचरे को सबसे किफायती तरीके से साफ कर सकते हैं। क्लियरबॉट एक हांगकांग की कंपनी है।

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    उमियाम झील में भरता जा रहा प्लास्टिक कचरा (Image: JAGRAN)

    शिलांग, एजेंसी। मेघालय सरकार प्लास्टिक कचरे से तबाह हो रही सुंदर उमियाम झील को साफ करने में जुट गई है।

    एक अधिकारी ने बताया की झील से प्लास्टिक को साफ करने के लिए AI संचालित रोबोटिक नाव का इस्तेमाल किया जाएगा। बता दें कि शिलांग से होकर बहने वाली उमखरा और उमशिरपी नदियां हर दिन टनों में प्लास्टिक झील के दक्षिणी हिस्से में जाकर गिरती हैं, जिसे केवल नाव के द्वारा ही साफ किया जा सकता है।

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    क्या है ClearBoat?

    स्मार्ट विलेज मूवमेंट के नोडल अधिकारी स्वास्थ्य सचिव राम कुमार ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि इस नदी को क्लियरबॉट के माध्यम से साफ किया जाएगा। क्लियरबॉट कचरे को सबसे किफायती तरीके से साफ कर सकते हैं।

    क्लियरबॉट एक हांगकांग की कंपनी है, जिसने एक हफ्ते तक अपने काम को डेमोंसट्रेट किया। यह बोट सेल्फ-ड्राइविंग है जो एक सत्र में 200 किलोग्राम कचरा इकट्टा कर लेती है। यह नॉन प्रॉफिट स्मार्ट विलेज मूवमेंट द्वारा शॉर्टलिस्ट की गई कंपनियों में से एक है, जो राज्य सरकार के सहयोग से विभिन्न परियोजनाओं पर काम करती है।

    उमियम झील सबसे गंदे झीलों में से एक

    क्लियरबॉट के सह-संस्थापक सिद्धांत ने कहा कि उमियम झील सबसे गंदे जल निकायों में से एक है। उन्होंने कहा, 'मौका मिलने पर हमारी नौकाओं को कुछ महीनों में इस गंदगी को साफ करते देखना सौभाग्य की बात होगी। हम यहां जो नाव लाए हैं वह छोटी है, जो एक दिन में 200-400 किलोग्राम कचरा बाहर निकाल सकती है। अगर बड़ी नाव को काम पर लगाया जाए तो कुछ ही महीनों में सारा कचरा साफ हो जाएगा।'फिलहाल क्लियरबॉट की कुछ नावें वाराणसी और बेंगलुरु में कचरा साफ करने के काम में लगी हुई हैं।