अक्टूबर में शैक्षणिक संस्थानों में चलेगा श्री-अन्न को लेकर महाअभियान, मोटे अनाज को बढ़ावा देना लक्ष्य
मोटे अनाज के उपयोग को बढ़ावा के लिए मोटे अनाज को श्री-अन्न नाम देकर भारत सरकार आम लोगों तक इसे पहुंचाने का अभियान चला रही है। इस दौरान सभी मंत्रालयों को इस अभियान से जोड़ते हुए उन्हें इस पूरी मुहिम को और रफ्तार देने के लिए भी कहा गया है। शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर अक्टूबर महीने में एक बड़ा अभियान चलाने का ऐलान किया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मोटे अनाज के उपयोग को बढ़ावा के लिए वैसे तो पूरी दुनिया में अभियान छिड़ा हुआ है लेकिन देश में यह अभियान एक नए स्वरूप में चल रहा है। जिसमें मोटे अनाज को श्री-अन्न नाम देकर इसको आम लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान सभी मंत्रालयों को इस अभियान से जोड़ते हुए उन्हें इस पूरी मुहिम को और रफ्तार देने के लिए भी कहा गया है।
शिक्षा मंत्रालय श्री अन्न को लेकर चलाएगी अभियान
इस बीच शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर अक्टूबर महीने में एक बड़ा अभियान चलाने का ऐलान किया है। जिसमें श्री-अन्न को सभी शैक्षणिक संस्थानों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें स्कूलों को प्राथमिकता से साथ शामिल किया गया है।
श्री-अन्न के उपयोग को बढ़ावा देने को लेकर चलाए जाने वाले अभियानों को लेकर सभी मंत्रालयों ने अपने कैलेंडर भी जारी किए है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने नवंबर में, तो सड़क एवं परिवहन मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर दिसंबर में अभियान चलाने का ऐलान किया है। इससे पहले कई मंत्रालयों द्वारा पिछले महीनों में इसे लेकर अभियान चलाया जा चुका है।
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इस बीच शिक्षा मंत्रालय ने अक्टूबर में चलाए जाने वाले अपने अभियान का जो खाका तैयार किया है, उनमें इस अवधि के दौरान सभी स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों की कैंटीन में श्री-अन्न से बने पकवान मिलेंगे। इसके साथ ही बच्चों को इस दौरान अपने लंच बाक्स में श्री-अन्न से बना भोजन लाना होगा।
इसके अतिरिक्त इस अवधि में मंत्रालय से शिक्षा विभाग की जो भी बैठकें होगी, उनमें भी श्री-अन्न से जुड़े खाद्य पदार्थ अनिवार्य रूप से शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त श्री-अन्न के प्रति नई पीढ़ी में जुडाव बढ़ाने के लिए स्कूलों और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में एक चर्चाएं भी आयोजित होगी। जिसमें उन्हें इसके फायदों के बारे में बताया जाएगा।
12 करोड़ बच्चों को मुहैया कराया जायेगा मोटो अनाज
शिक्षा मंत्रालय ने इस बीच सभी राज्यों को भी यह कैलेंडर भेजा है। साथ ही अनुरोध किया है कि वह इसे अपने स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में इसे लागू कराए।
साथ ही बच्चों को इसके फायदे के बारे में बताए। राज्यों से इस दौरान स्कूलों में मुहैया कराए जाने वाले दोपहर के भोजन में भी इस अवधि के दौरान श्री-अन्न को शामिल कराने की भी सलाह दी है। मौजूदा समय में स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 12 करोड़ बच्चों को दोपहर का भोजन मुहैया कराया जा रहा है।
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