कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 'मीडिया कानून और नैतिकता' पुस्तक का किया विमोचन, AI युग में मीडिया की स्वतंत्रता पर चर्चा
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने वरिष्ठ पत्रकार राजेश उपाध्याय और डॉ. शिशिर कुमार सिंह की पुस्तक मीडिया कानून और नैतिकता का विमोचन किया। यह पुस्तक मीडिया के बदलते स्वरूप पर केंद्रित है और मीडिया के कानूनी और नैतिक पहलुओं की जानकारी देती है। मंत्री मेघवाल ने कहा कि यह पुस्तक मीडिया की जवाबदेही के मानकों को स्पष्ट करेगी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने वरिष्ठ पत्रकार राजेश उपाध्याय और डॉ. शिशिर कुमार सिंह की पुस्तक 'मीडिया कानून और नैतिकता' का दिल्ली में विमोचन किया। यह पुस्तक AI युग में मीडिया के बदलते स्वरूप पर केंद्रित है।
इस किताब का टाइटल 'मीडिया कानून और नैतिकता: एक समकालीन परिप्रेक्ष्य, 2025' है। इस किताब के माध्यम से मीडिया के कानूनी और नैतिक पहलुओं की व्यापक जानकारी प्रस्तुत की गई है। विमोचन के अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह पुस्तक मीडिया की जवाबदेही के मानकों को स्पष्ट करेगी।
क्या-क्या है पुस्तक में?
इस पुस्तक में मानहानि कानून और बौद्धिक संपदा कानून के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। साथ ही, आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और सूचना का अधिकार अधिनियम पर भी प्रकाश डाला गया है। डेटा संरक्षण कानून और भारतीय डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।
पुस्तक से पत्रकारों को मिलेगी काफी जानकारी
इस पुस्तक में एक हिस्सा खासतौर पर मीडिया नैतिकता पर केंद्रित है। इसमें पत्रकारों के लिए मूल नैतिक सिद्धांतों की रूपरेखा दी गई है। सोशल मीडिया पर फैलने वाली फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं से निपटने के लिए नैतिक मूल्यों की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया गया है।
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