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    India China Tension: डोकलाम के पास चीन की सड़क के सवाल पर MEA का जवाब, 'हर घटनाक्रम पर हमारी नजर', श्रीलंका के साथ है भारत

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Thu, 21 Jul 2022 05:52 PM (IST)

    MEA spokesperson Arindam Bagchi विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अरिंंदम बागची ने डोकलाम के पास चीन की कथित घुसपैठ पर पूछे गए सवाल पर कहा कि सरकार सभी घटनाक्रमों पर बारीक नजर रख रही है। उन्‍होंने कहा कि सरकार सरहदों को सुरक्ष‍ित रखने के लिए कदम उठाती रही है।

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    साप्‍ताहिम प्रेस कांफ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता (MEA spokesperson) अरिंदम बागची...

    नई दिल्‍ली, एजेंसी। चीन अपनी विस्तारवादी नीति के एजेंडे को लगातार गति देने का प्रयास कर रहा है। वह अपने पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों की बातें तो करता है, लेकिन अंदरखाने शत्रुता का भाव रखता है। भारत भी चीन की मंशा को भांपते हुए बेहद सतर्क है। डोकलाम के पास चीन की कथित घुसपैठ पर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सरकार देश की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले सभी घटनाक्रमों पर लगातार नजर रख रही है।

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    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता (MEA spokesperson) अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने गुरुवार को अपनी साप्‍ताहिक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार सरहदों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाती है। हम राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। सीमा पर गतिरोध को खत्‍म करने के लिए चीन से राजनयिक और सेना के स्‍तर पर बातचीत चल रही है। इस पहलकदमी से द्व‍िपक्षीय संबंधों को बनाने में मदद मिलेगी।  

    MEA के प्रवक्ता अरिंदम बागची (MEA spokesperson Arindam Bagchi) ने कहा- पेट्रोलिंग प्वाइंट देपसांग, डेमचोक आदि मुद्दे दोनों पक्षों के बीच चर्चा का विषय हैं। हमने इस मसले पर एक संयुक्त बयान जारी किया है। भारत और चीन दोनों पक्षों की ओर से जारी संयुक्‍त बयान में कहा गया है कि इस मुद्दे का हल ढूंढने के लिए हम आगे कैसे बढ़ना चाहते हैं... हम समाधान के लिए राजनयिक एवं सैन्य स्तर की और चर्चाएं करना चाहेंगे।

    पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों पर हो रही बर्बरता के मसले पर बागची ने कहा कि हम पाकिस्तान के सामने कई बार इन मसलों पर बातचीत कर चुके हैं। अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार किया जाए और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा कैसे की जाए... हमने इस सभी मुद्दों को उठाया है। हम श्रीलंका को भी जरूरत के अनुसार आर्थिक सहायता देने में सबसे आगे हैं। भारत उन देशों में से एक हैं जिन्होंने जरूरत के समय श्रीलंका को सबसे अधिक सहायता मुहैया कराई है। हम श्रीलंकाके साथ खड़े रहेंगे...