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    महमूद मदनी के बयान पर विवाद बढ़ा, हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने फूंका मौलाना का पुतला

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 02:00 AM (IST)

    राजधानी में शनिवार को एक कार्यक्रम में मौलाना महमूद मदनी द्वारा जब-जब जुल्म होगा, तब-तब जिहाद होगा वाले बयान ने तूल पकड़ लिया है। इसी क्रम में रविवार दोपहर में हिंदू संगठनों ने रोशनपुरा चौराहा पर मौलान मदनी के पुतले को जूतों की माला पहनाई। जूतों से पीटा उसके बाद पुतले में आग लगा दी। 

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    मौलाना मदनी के पुतले को पहनाई जूतों की माला फिर फूंक भी दिया (फोटो- जागरण)

    जेएनएन, भोपाल। राजधानी में शनिवार को एक कार्यक्रम में मौलाना महमूद मदनी द्वारा जब-जब जुल्म होगा, तब-तब जिहाद होगा वाले बयान ने तूल पकड़ लिया है। इसी क्रम में रविवार दोपहर में हिंदू संगठनों ने रोशनपुरा चौराहा पर मौलान मदनी के पुतले को जूतों की माला पहनाई। जूतों से पीटा उसके बाद पुतले में आग लगा दी।

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    विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल ने मौलाना के बयान को देश और हिंदू समाज के खिलाफ बताते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की है। बजरंग दल का कहना है कि मौलाना मदनी ने वंदे मातरम, देश और हिंदू धर्म के खिलाफ बयान दिए हैं।

    विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सह मंत्री जितेंद्र चौहान ने कहा कि मौलाना मदनी ने बयान दिया है कि जिहाद जब तक चलेगा...जुल्म होगा, तो बताएं कि कहां जुल्म हो रहा है?

    उन्होंने कहा कि बंटवारा के समय मुसलमानों की मांग पर पाकिस्तान दे दिया गया, अब उन्हें कौन सा पाकिस्तान चाहिए। लगातार वंदे मातरम, सुप्रीम कोर्ट का विरोध कर ये लोग मुस्लिम युवाओं को बहकाकर जिहाद और गृह युद्ध की तैयारी कर रहे हैं।

    परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि मदनी जैसे लोग मुस्लिम युवाओं को जुल्म, जन्नत और जिहाद जैसे नारों के नाम पर भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ कट्टरपंथी तत्व देश की न्याय व्यवस्था और राष्ट्रीय स्वाभिमान को आहत करने की कोशिश कर रहे हैं। मुस्लिम समाज को भी समय रहते ऐसे कट्टरपंथी तत्वों से दूरी बनानी होगी।

    उनका आरोप है कि हलाल के नाम पर अवैध कमाई कर आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने की कोशिश की जाती है, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं होगा।

    बता दें कि भोपाल में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की एक बैठक में शनिवार को मौलाना महमूद मदनी ने कहा था कि मौजूदा दौर में इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिशें बढ़ गई हैं। जिहाद जैसे मुकद्दस शब्द को आतंक और हिंसा से जोड़ना जानबूझकर किया जा रहा है।

    उन्होंने कहा था कि लव जिहाद, लैंड जिहाद, थूक जिहाद जैसे शब्द मुसलमानों को बदनाम करने के लिए गढ़े गए हैं। इस्लाम में जिहाद का मतलब अन्याय और ज़ुल्म के खिलाफ संघर्ष है। जब-जब जुल्म होगा, तब-तब जिहाद होगा।