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    फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद के डॉक्टरों का कमाल, 12 साल के बच्चे की खाद्य नली में फंसा ₹10 का सिक्का सुरक्षित निकाला

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Wed, 01 Oct 2025 07:14 AM (IST)

    डॉक्टरों की पैरेन्ट्स को यह भी सलाह है कि वे बच्चों में कुछ खास लक्षणों जैसे अचानक लार टपकने निगलने में कठिनाई महसूस होने लगातार खांसने गले में कुछ फंसा होने या गले अथवा छाती में कुछ फंसने जैसा महसूस होने पर नजर रखें। सांस लेने में कठिनाई होने को भी इमरजेंसी ही मानना चाहिए और तत्काल स्पेश्यलिस्ट की सहायता लेनी चाहिए।

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    फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद के डॉक्टरों का कमाल

    फरीदाबाद, 01 अक्टूबर, 2025: फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद के इमरजेंसी विभाग में इलाज के लिए 12-वर्षीय बच्चे को लाया गया था जिसने दुर्घटनावश ₹10 का सिक्का निगल लिया था। करीब 27 मिमी व्यास का यह सिक्का बच्चे की खाद्य नली (फूड पाइप) के ऊपरी हिस्से (अपर ईसोफैगस) में फंसा था और इस वजह से बच्चे की छाती में काफी दर्द था और उसे निगलने में भी परेशानी हो रही थी। अस्पताल में एक्स-रे जांच से फूड पाइप में सिक्के के फंसे होने की पुष्टि हुई।

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    इलाज में देरी से जटिलताएं पैदा होने की आशंका थीं जो जीवनघातक भी हो सकती थीं, इसलिए डॉ निर्देश चौहान, कंसल्टेंट – गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने तत्काल एंडोस्कोपी करने का फैसला किया ताकि मरीज को ईसोफैगल टियर्स, इंफेक्शन या सांस लेने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। मेडिकल टीम ने, बच्चे को अस्पताल पहुंचाने के आधे घंटे के भीतर ही, स्पेश्यलाइज़्ड एंडोस्कोपिक टूल्स की मदद से, सिक्के को बाहर निकालने में सफलता हासिल की। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 15 मिनट का समय लगा, और कुछ देर बाद ही बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। फौलो-अप के बाद जांच से इस बात की पुष्टि भी हो गई कि ईसोफैगस को कोई नुकसान नहीं हुआ था।

    इस मामले की और जानकारी देते हुए, डॉ निर्देश चौहान ने कहा, “बच्चे अक्सर खेलते हुए, दुर्घटनावश कुछ चीज़ें निगल जाते हैं और इनमें सिक्के सबसे सामान्य हैं। कई बार कुछ चीजें अपने आप ही शरीर से बाहर भी निकल जाती हैं, लेकिन सिक्के जैसी वस्तुएं ईसोफैगस में फंस भी सकती हैं और यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है। लेकिन इस मामले में, तत्काल मेडिकल सहायता मिलने से कई तरह की संभावित गंभीर किस्म की जटिलताओं जैसे अल्सरेशन, इंफेक्शन या वायुमार्ग में अवरोध जैसी समस्याओं से बचाव हो सकता। हमारी पैरेन्ट्स को सलाह है कि ऐसी स्थतियों में घरेलू नुस्खेां जैसे कि जबर्दस्ती उल्टी कराने या बच्चे को इस उम्मीद में कुछ खिलाने से बचना चाहिए क्योंकि वह खाद्य पदार्थ फूड पाइप में फंसी बाहरी वस्तु को नीचे धकेल सकता है। इसके उलट, कई बार ऐसा करने से स्थिति और बिगड़ सकती है। सबसे सुरक्षित रास्ता यही है कि तत्काल मरीज को अस्पताल पहुंचाया जाए।”

    डॉ अभिषेक शर्मा, फैसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद ने कहा, “पिडियाट्रिक मामलों में अक्सर इस तरह की इमरजेंसी सामने आती है जब बच्चे गलती से किसी वस्तु को निगल जाते हैं। हमारी टीम ऐसी स्थितियों से तुरंत और सुरक्षित तरीके से निपटने के लिए एडवांस हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर से सुसज्जित है। हम पैरेन्ट्स को भी सलाह देते हैं कि वे सतर्क और सजग रहें, और छोटे आकार की वस्तुओं को बच्चों की पहुंच से दूर रखें, और ऐसी किसी भी घटना होने पर तुरंत मेडिकल सहायता लें।”

    डॉक्टरों की पैरेन्ट्स को यह भी सलाह है कि वे बच्चों में कुछ खास लक्षणों जैसे अचानक लार टपकने, निगलने में कठिनाई महसूस होने, लगातार खांसने, गले में कुछ फंसा होने, या गले अथवा छाती में कुछ फंसने जैसा महसूस होने पर नजर रखें। सांस लेने में कठिनाई होने को भी इमरजेंसी ही मानना चाहिए और तत्काल स्पेश्यलिस्ट की सहायता लेनी चाहिए।