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    भारत में मैरिटल रेप को गंभीरता से नहीं लिया जाता, पत्नी की मर्जी के बिना संबंध बनाना बलात्कार: थरूर

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 09:28 AM (IST)

    कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मेरिटल रेप के मुद्दे पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत उन कुछ लोकतांत्रिक देशों में से है, जहां मैरिटल रेप को गंभीरता से ...और पढ़ें

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    शशि थरूर ने मैरिटल रेप पर उठाए सवाल (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने गुरुवार को मेरिटल रेप का मुद्दा उठाया। उन्होंने वैवाहिक संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि अगर पति पत्नी के इच्छा के विरुद्ध उसके साथ बलात्कार करता है तो यह कानून का उल्लंघन है और महिलाओं के खिलाफ हिंसा है।

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    दरअसल, प्रभा खैतान फाउंडेशन और FICCI लेडीज ऑर्गनाइजेशन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए शशि थरूर ने कहा कि भारत उन कुछ लोकतांत्रिक देशों में से है, जहां मैरिटल रेप को गंभीर अपराध नहीं माना जाता, जबकि देश में कठोर एंटी-रेप कानून मौजूद हैं।

    पतियों को कानून से छूट क्यों?

    कांग्रेस नेता शशि थरूर ने आगे कहा कि मैं यह देखकर हैरान हूं कि भारत उन कुछ लोकतांत्रिक देशों में से एक है जहां पति की ओर से किया गया पत्नी का रेप उचित गंभीरता से नहीं देखा जाता। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि पतियों को कानून से छूट क्यों मिलनी चाहिए, क्योंकि शादी के नाम पर जबरदस्ती करना भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा है।

    भारत में मजबूत एंटी-रेप कानून

    शशि थरूर ने कहा कि भारत में मजबूत एंटी-रेप कानून हैं। इसके बावजूद यह पतियों के लिए अपवाद है। उन्होंने कहा कि अगर कोई अपने जीवनसाथी का सम्मान नहीं करता और विवाहित संबंध का हवाला देकर उसके साथ रेप करता है, तो यह कानून का उल्लंघन और महिलाओं के खिलाफ हिंसा है।

    विवाह एक पवित्र संस्कार

    थरूर ने कहा कि वर्तमान प्रावधान इस पुराने विचार पर आधारित है कि विवाह एक पवित्र संस्कार है और इसके भीतर जो कुछ भी होता है, उसे किसी और तरह से वर्गीकृत नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि देश में डोमेस्टिक रेप के खिलाफ उचित कानून की बहुत आवश्यकता है, यह दुखद है कि विशेष पोर्टफोलियो वाली महिला मंत्री भी इस पहलू को देखने में विफल रहीं।

    मैरिटल रेप हिंसा

    कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इसे न्याय का अपमान बताते हुए कहा कि यह उन मामलों में भी अपराधियों को छूट देता है, जहां दंपति अलग रह रहे हों लेकिन कानूनी रूप से तलाकशुदा न हों। उन्होंने उदाहरण दिया कि कई बार पति अलग रहते हुए भी जब चाहें पत्नी के साथ जबरदस्ती करते हैं, क्योंकि कानून उन्हें अभी भी पति-पत्नी मानता है। मैरिटल रेप को विवाहित प्रेम का हिस्सा नहीं माना जाना चाहिए, यह हिंसा है। हमें महिलाओं के अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए।

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