Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिंदी बोलने पर छात्र को बेरहमी से पीटा, आहत होकर युवक ने कर ली आत्महत्या 

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 09:07 PM (IST)

    मुंबई में एक 19 वर्षीय मराठी युवक, अर्णव खैरे, ने हिंदी में बात करने पर कुछ लोगों द्वारा पीटे जाने के बाद आत्महत्या कर ली। ट्रेन में धक्का लगने पर उसने हिंदी में बोलने पर कुछ यात्रियों ने उसे पीटा, जिससे वह आहत हो गया। घर लौटने के बाद उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है और परिवार न्याय की मांग कर रहा है।

    Hero Image

    मराठी युवक हिंदी बोलने पर पीटा गया

    राज्य ब्यूरो, मुंबई, 20 नवंबर। अब तक हिंदी - मराठी विवाद में हिंदीभाषियों की ही पिटाई होती रही है। पहली बार हिंदी बोलने पर एक मराठीभाषी युवक को ही कुछ मराठियों ने इतना पीटा कि आहत होकर उसने अपनी जान दे दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    घटना मंगलवार की है। कल्याण निवासी 19 वर्षीय मराठी युवक अर्णव खैरे सुबह लोकल ट्रेन से मुलुंड स्थित अपने कॉलेज जाने के लिए निकला था। ट्रेन में भीड़ अधिक होने के कारण उसे धक्का लग रहा था, तो उसने हिंदी में सिर्फ इतना कहा कि, 'भाई थोड़ा आगे हो जाओ, धक्का लग रहा है।

    मराठी युवक हिंदी बोलने पर पीटा गया

    उसके इतना बोलते ही मराठी यात्रियों के एक समूह ने उसे पीटना शुरू कर दिया। पीटे जाने पर उसने कहा कि वह खुद मराठीभाषी है। इसके बावजूद उसकी पिटाई बंद नहीं हुई। डर कर वह अपने गन्तव्य से एक स्टेशन पहले ही उतर गया, और दूसरी ट्रेन पकड़ कर अपने कॉलेज गया। विज्ञान के विद्यार्थी अर्णव ने वहाँ प्रैक्टिकल की क्लास अटेंड की। बाकी लेक्चर छोड़कर वह अपने घर लौट गया।

    पिटाई से आहत होकर युवक ने की आत्महत्या

    अर्णव के पिता जीतेंद्र खैरे का कहना है घर लौट कर भी वह काफी डरा हुआ था। उसने बताया कि उसे थप्पड़ों से पीटा गया और धमकाया गया। उससे कहा गया कि तुम्हें मराठी बोलने में दिक्कत क्या है। जीतेन्द्र खैरे के अनुसार पिटाई से वह काफी आहत था। कुछ देर बाद उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

    पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की

    अर्नव की आत्महत्या के बाद ठाणे की कोलसेवाडी पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। रेलवे पुलिस की मदद से आरोपियों की पहचान का प्रयास किया जा रहा। स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।अर्णव का परिवार न्याय की मांग कर रहा है।

    उसके पिता जीतेन्द्र खैरे का कहना है कि हिंदी - मराठी विवाद ने उनके बेटे की जान ले ली। उनका कहना है कि किसी और के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए।