दिलचस्प है नोटों का इतिहास, कई बार चलन से बाहर किए गए हैं नोट
भारतीय रिजर्व बैंक ने 1938 में 10 हजार रुपये का अब तक के सबसे ऊंचे मूल्य का नोट छापा था। लेकिन 1946 में यह चलन से बाहर कर दिया गया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। यह पहली बार नहीं है जब अचानक ऊंचे मूल्य के नोटों को बंद करने का फैसला किया गया है। जनवरी, 1946 और दोबारा 1978 में भी 1000 और उससे अधिक मूल्य के नोटों को चलन से बाहर किया गया था।
नोटों का इतिहास बड़ा दिलचस्प है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 1938 में 10 हजार रुपये का अब तक के सबसे ऊंचे मूल्य का नोट छापा था। लेकिन 1946 में यह चलन से बाहर कर दिया गया। फिर 1954 में इसकी वापसी हुई। जनवरी, 1978 में इसे दोबारा बंद कर दिया गया।
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जनवरी, 1946 से पहले तक 1000 और 10 हजार रुपये के बैंक नोट चलन में थे। फिर 1954 में 1000, 5000 और 10,000 रुपये के नोटों को दोबारा लाया गया। जनवरी 1978 में सभी को बंद कर दिया गया।
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आगे क्या हुआ
- नवंबर, 2000 : 1000 रुपये के नोट ने वापसी की
- अक्टूबर, 1987 : 500 रुपये के नोट सर्कुलेशन में आए
अशोक स्तंभ सीरीज वाले नोट
- 1967-92 के बीच : 10 रुपये के नोट जारी हुए
- 1972-75 : 20 रुपये
- 1975-81 : 50 रुपये
- 1967-79 : 100 रुपये
महात्मा गांधी सीरीज-1996
- नवंबर, 2001 : 5 रुपये
- जून, 1996 : 10 रुपये
- अगस्त, 2001 : 20 रुपये
- मार्च, 1997 : 50 रुपये
- जून, 1996 : 100 रुपये
- अक्टूबर 1997 : 500 रुपये
- नवंबर, 2000 : 1000 रुपये
- महात्मा गांधी सीरीज-2005
इसके तहत अतिरिक्त सुरक्षा के साथ 5, 10, 20, 50 और 100 रुपये मूल्य के नोट छपे।
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