जीवन परिचय: पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म साल 1932 में गांव गाह (अब पंजाब पाकिस्तान) में हुआ था। उन्होंने 1954 में पंजाब विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री पूरी की। 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी.फिल. (डॉक्टरेट) प्राप्त की। इसके बाद 1972 के दौरान वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बने। फिर 1976 में वित्त मंत्रालय में सचिव का पद भी संभाला।1982 में भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर नियुक्त हुए।

- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव गाह में हुआ था। यह हिस्सा अब पाकिस्तान में है।
- मनमोहन सिंह की शुरुआती शिक्षा अविभाजित भारत के पंजाब में उर्दू माध्यम से हुई। इसके बाद वह पेशावर के उच्च प्राथमिक स्कूल में पढ़े।
- देश के विभाजन के बाद उनका परिवार भारत चला आया था और वे पंजाब के अमृतसर में रहने लगे।
- डॉ. मनमोहन सिंह ने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिकुलेशन की परीक्षाएं पूरी कीं।
- साल 1954 में पूर्व प्रधानमंत्री ने पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया।
- इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह विदेश चले गए।
- कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से उन्होंने साल 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स की डिग्री हासिल की।
- इसके बाद उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी. फिल. की।
- कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी. फिल. करने वाले मनमोहन सिंह ने कभी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन विभिन्न पदों पर रहते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था में उनका योगदान महत्वपूर्ण है।
- आरबीआई गवर्नर, वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री के पद पर रहे मनमोहन सिंह भारत में आर्थिक उदारीकरण के प्रणेता के तौर पर जाने जाते रहे हैं।
- साल 1971में वह भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार रहे।
- साल 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद पर नियुक्त हुए डॉ. मनमोहन सिंह।
- डॉ. मनमोहन सिंह साल 1980-82 योजना आयोग के सदस्य भी रहे।
- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1982-1985 के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में पद संभाला।
- साल 1985 में राजीव गांधी के शासन काल में मनमोहन सिंह को भारतीय योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वे इस पद पर पांच सालों तक रहे जिसके बाद उन्हें 1990 में प्रधानमंत्री का आर्थिक सलाहकार बना दिया गया।
- इसके बाद जब पी.वी नरसिंहराव पीएम बनें, तो उन्होंने डॉ मनमोहन सिंह को 1991 में वित्त मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपा।
- डॉ. मनमोहन सिंह साल 1991 में असम से राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद 1995, 2001, 2007 और 2013 में पुनर्निर्वाचित हुए।
- मनमोहन सिंह वित्त मंत्रालय के सचिव, भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे।
- साल 2004 से 2014 के बीच यूपीए-1 और यूपीए-2 सरकार में वे प्रधानमंत्री पद पर रहे।
- बतौर प्रधानमंत्री उन्होंने 10 साल के शासनकाल में कई ऐसे बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिसने भारत को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने का काम किया।
- शिक्षा का अधिकार (RTE), सूचना का अधिकार (RTI), मनरेगा योजना समेत तमाम कई ऐसे बड़े फैसले हैं, जो उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए लिए थे।
- पूर्व प्रधानमंत्री को शिक्षक के पद पर भी खासा तजुर्बा था। वह पंजाब विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के सीनियर लेक्चरर रहे। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इकोनामिक्स में भी अध्यापन कार्य किया।
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