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    Manipur Violence: मणिपुर हिंसा में फिर हुई दो की मौत, मेजर समेत 50 घायल

    Manipur Violence मणिपुर में बीते कई महीनों से कुकी और मैतेयी समुदाय के बीच तनातनी का माहौल है। अधिकारियों के अनुसार दो अज्ञात गुटों के बीच गोलीबारी सुबह करीब छह बजे शुरू हुई और रुक-रुक कर जारी रही। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि एक अन्य घायल को गंभीर हालत में इंफाल स्थित रिम्स में भर्ती कराया गया है।

    By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Sat, 09 Sep 2023 07:27 AM (IST)
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    Manipur Violence: मणिपुर में ताजा हिंसा में दो की मौत, मेजर समेत 50 घायल

    इंफाल, पीटीआई। मणिपुर में बीते कई महीनों से कुकी और मैतेयी समुदाय के बीच तनातनी का माहौल है। इस पूर्वोत्तर राज्य के तेंगनौपाल जिले के पल्लेल इलाके में शुक्रवार तड़के से सुरक्षा बलों और हथियारबंद लोगों के बीच दो स्थानों पर हुई गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई और सेना के एक मेजर समेत करीब 50 लोग घायल हो गए हैं।

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    असम राइफल्स के अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया।

    अधिकारियों के अनुसार दो अज्ञात गुटों के बीच गोलीबारी सुबह करीब छह बजे शुरू हुई और रुक-रुक कर जारी रही। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि एक अन्य घायल को गंभीर हालत में इंफाल स्थित रिम्स में भर्ती कराया गया है।

    फायरिंग की खबर लगते ही थाउबल और काकचिंग में विभिन्न स्थानों से लोग पल्लेल पहुंचे लेकिन माहौल तनावपूर्ण होते देखकर असम राइफल्स के अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया।

    एक मेजर समेत 50 लोग घायल हुए हैं

    अधिकारियों ने यह भी बताया कि दो सशस्त्र अज्ञात गुटों की फायरिंग में एक 48 साल के व्यक्ति की भी मौत हो गई है। भीड़ को रोकने की कोशिश में असम राइफल्स ने आंसू गैस के गोले दागे जिसके बाद सेना के एक मेजर समेत 50 लोग घायल हुए हैं।

    इससे मची भगदड़ में असम राइफल्स का एक जवान भी घायल हुआ है। इसके अलावा, बुधवार को इंफाल से पल्लेल जा रहे आरएएफ के एक दस्ते को विष्णुपुर के हजारों प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया और तोरबुंग में अपने सुनसान घरों तक पहुंचने के प्रयास में सेना के बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की।

    जातीय हिंसा के बाद से 160 से अधिक लोग मारे गए

    विरोध प्रदर्शन से एक दिन पहले एहतियात के तौर पर मणिपुर की सभी पांच घाटी जिलों में पूर्ण रूप से कर्फ्यू लगा दिया गया था। 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा के बाद से 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।