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    Manipur हिंसा पर CM बीरेन के कथित ऑडियो क्लिप का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, SC ने मांगी CFSL रिपोर्ट

    By Agency Edited By: Mahen Khanna
    Updated: Mon, 03 Feb 2025 01:11 PM (IST)

    SC on Manipur Violence मणिपुर हिंसा मामले पर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। शीर्ष कोर्ट ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के कथित लीक ऑडियो टेप पर सीएफएसएल से सरकारी फोरेंसिक लैब रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि सीएम बीरेन सिंह पर कुकी जनजाति के एक याचिकाकर्ता ने मणिपुर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है।

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    SC on Manipur Violence सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर हिंसा पर हुई सुनवाई। (फाइल फोटो)

    एजेंसी, नई दिल्ली। SC on Manipur Violence मणिपुर हिंसा मामले पर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। शीर्ष कोर्ट ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के कथित लीक ऑडियो टेप पर सीएफएसएल से सरकारी फोरेंसिक लैब रिपोर्ट मांगी है। 

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    सीएम पर हिंसा भड़काने का लगा है आरोप

    बता दें कि सीएम बीरेन सिंह पर कुकी जनजाति के एक याचिकाकर्ता ने मणिपुर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। कथित तौर पर ऑडियो में मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के बयानों को रिकॉर्ड किया गया था, जिसमें राज्य की जातीय हिंसा में उनकी संलिप्तता का संकेत दिया गया था। सीएफएसएल रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में पेश किया जाना है।

    लाइव लॉ के अनुसार, भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट द्वारा दायर एक रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसमें ऑडियो टेप की स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी। मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में होगी।

    न्यायमूर्ति संजय कुमार ने पूछा- केस से अलग हो जाऊं  

    सुनवाई की शुरुआत में न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार ने पूछा कि क्या उन्हें सुनवाई से अलग हो जाना चाहिए, क्योंकि मणिपुर के मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित रात्रिभोज में वे शामिल हुए थे, जब उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया था।

    इसके जवाब में याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि न्यायमूर्ति कुमार को खुद को अलग करने की आवश्यकता नहीं है।

    CM की आवाज से मेल खाता है ऑडियोः प्रशांत भूषण

    भूषण ने दो न्यायाधीशों की पीठ से कहा कि कोई समस्या नहीं, बिल्कुल भी नहीं। इस पीठ में भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना भी शामिल थे। भूषण याचिकाकर्ता कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गैर-लाभकारी ट्रुथ लैब्स ने पुष्टि की है कि 93 प्रतिशत ऑडियो टेप सीएम बीरेन सिंह की आवाज से मेल खाते हैं।

    2007 में स्थापित ट्रुथ लैब्स भारत की पहली गैर-सरकारी पूर्ण-विकसित फोरेंसिक लैब है।