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    Manipur Violence: मणिपुर में फिर हिंसा, दंगाइयों से झड़प में पश्चिमी कांगपोकपी में पुलिसकर्मी की मौत; 10 घायल

    By AgencyEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Mon, 10 Jul 2023 12:59 PM (IST)

    Manipur Violence मणिपुर के पश्चिमी कांगपोकपी इलाके में रात भर हुई झड़पों के बाद एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और कम से कम 10 लोग घायल हुए हैं। आज फेयेंग और सिंगदा गांवों से अंधाधुंध गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं। अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी कांगपोकपी जिले के कांगचुप इलाके के गांवों और पहाड़ियों को निशाना बनाकर की गई।

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    Manipur Violence मणिपुर में हिंसा की आग।

    इंफाल, एजेंसी। Manipur Violence मणिपुर में एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है। राज्य के पश्चिमी कांगपोकपी इलाके में रात भर हुई झड़पों के बाद सोमवार को एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और कम से कम 10 लोग घायल हो गए।

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    कांगपोकपी जिले के कांगचुप में भारी गोलीबारी

    कांगपोकपी में सुबह करीब 3 बजे से 6 बजे के बीच कुछ देर के लिए शांति रही, लेकिन उसके बाद फेयेंग और सिंगदा गांवों से अंधाधुंध गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं। अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी कांगपोकपी जिले के कांगचुप इलाके के गांवों और पहाड़ियों को निशाना बनाकर की गई।

    Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा की पूरी कहानी, कैसे शुरू हुई दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प

    कई लोगों के घायल होने की आशंका

    असम राइफल्स दोनों गांवों के बीच एक बफर जोन का प्रबंधन करती है। अधिकारियों ने दोनों पक्षों की ओर से और अधिक लोगों के हताहत होने की संभावना से इनकार नहीं किया और कहा कि गोलीबारी समाप्त होने के बाद ही सही जानकारी का पता लगाया जा सकता है।

    एसटी का दर्जा लेने पर हिंसा

    3 मई से राज्य में जारी जातीय हिंसा भड़कने में कम से कम 150 लोग मारे गए हैं और कई सौ घायल हुए हैं। मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया गया था, जिसके बाद हिंसा फैली है।

    मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय नागा और कुकी आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

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