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    Manipur Violance: मणिपुर में नहीं रुक रही हिंसा… सुरक्षाबल के साथ झड़प में एक की मौत, NIA करेगी जांच

    Manipur Violence 11 नवंबर को अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन और जिरीबाम के जकुराधोर स्थित सीआरपीएफ शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी की जिसके बाद सुरक्षा बलों के साथ भीषण मुठभेड़ में 10 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। केंद्रीय जांच एजेंसी ने गृह मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी निर्देश के बाद इन मामलों को अपने हाथ में ले लिया है।

    By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Mon, 18 Nov 2024 09:00 PM (IST)
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    मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। (Photo Agency)

    Manipur Violence: पीटीआई, इंफाल। मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। जिरिबाम जिले में उग्र भीड़ और सुरक्षाबलों के बीच झड़प के दौरान हुई गोलीबारी में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है। इंफाल घाटी में कफ्र्यू जारी है। सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं। विश्वविद्यालयों समेत शिक्षण संस्थान 19 नवंबर तक बंद कर दिए गए हैं। सुरक्षाबलों ने गश्त तेज कर दी है।

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    एक व्यक्ति की मौत

    इस बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मणिपुर में हिंसा की तीन घटनाओं की जांच अपने हाथ में ले ली है। पुलिस ने गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो जाने की पुष्टि सोमवार को की है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि गोलीबारी किसने की। प्रत्यक्षदर्शियों ने सुरक्षा बलों की ओर से गोलीबारी किए जाने का दावा किया है।

    मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा?

    झड़प रविवार देर रात उस समय हुई जब प्रदर्शनकारी जिरीबाम थाना क्षेत्र के बाबूपारा में संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे। मृतक की पहचान 20 वर्षीय के. अथौबा के रूप में हुई है। गौरतलब है कि राहत शिविर से लापता महिलाओं और बच्चों के शव मिलने के बाद शनिवार को हिंसा भड़क उठी थी।

    छह विधायकों के घरों में तोड़फोड़

    11 नवंबर को उग्रवादी हमले के बाद से तीन महिलाओं और तीन बच्चों का पता नहीं चल पा रहा था। शव मिलने के बाद शनिवार रात, भीड़ ने तीन मंत्रियों और मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के दामाद समेत छह विधायकों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी के अलावा चर्चों को भी फूंक दिया था।

    विधायकों के घरों में आगजनी

    प्रदर्शनकारी इंफाल पूर्व में बीरेन सिंह के पैतृक आवास की ओर भी बढ़े, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें 100-200 मीटर पहले ही रोक दिया। रविवार को भीड़ ने एक मंत्री समेत विधायकों के घरों में आगजनी की थी। कांग्रेस और भाजपा के कार्यालयों और जिरिबाम के निर्दलीय विधायक के घर में तोड़फोड़ की गई।

    इन तीन मामलों की जांच करेगी एनआईए

    एनआईए ने जिन मामलों की जांच अपने हाथ में ली है उनकी जांच पहले मणिपुर पुलिस कर रही थी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इन मामलों को 13 नवंबर को दोबारा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सूत्रों ने सोमवार को बताया, जिन मामलों की जांच एनआईए करने वाली है, वे सशस्त्र उग्रवादियों द्वारा जिरीबाम में महिला की हत्या, जिरीबाम के जाकुराधोर करोंग और बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन के पास सीआरपीएफ पोस्ट पर हमला और और बोरोबेकरा में घरों को जलाने और एक व्यक्ति की हत्या की घटना से संबंधित हैं।