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Manipur Violence: असम के कछार जिला पहुंचे मणिपुर हिंसा से प्रभावित हजारों लोग, हर संभव मदद कर रहा जिला प्रशासन

Manipur Violence मणिपुर में भड़की हिंसा के कारण लगभग 9000 लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। फिलहाल 1000 लोग असम के कछार जिले में पहुंच चुके हैं और वहां का जिला प्रशासन विस्थापित लोगों को हर सुविधा देने के लिए मदद कर रहा है।

By AgencyEdited By: Shalini KumariPublished: Fri, 05 May 2023 05:56 PM (IST)Updated: Fri, 05 May 2023 05:56 PM (IST)
मणिपुर हिंसा से प्रभावित होकर 1000 लोग पहुंचे असम

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। मणिपुर हिंसा काफी बढ़ गई है, हर तरफ आगजनी और तोड़फोड़ के कारण स्थिति काफी बेकाबू हो गई है। ऐसी स्थिति में लगभग 9000 लोगों से वहां से विस्थापित होना पड़ा है। कई लोग इस बीच असम के कछार जिले में शरण लेने के लिए पहुंचे हुए हैं। इस बात की जानकारी सीएम हिमंत बिसवा सरमा की ओर से भी दी गई है।

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खराब स्थिति के कारण असम पहुंचे लोग

मणिपुर की खराब स्थिति के बाद मणिपुर के 1,000 से अधिक लोग असम के कछार जिले में प्रवेश कर चुके हैं। उन्होंने जिले के विभिन्न हिस्सों में शरण ली है। कछार जिला प्रशासन ने उनके सुविधा के लिए सभी व्यवस्थाएं की हैं और उन्हें भोजन, पीने के पानी आदि की सुविधा प्रदान कर रहा है।

सीएम हिमंत बिसवा सरमा ने दिया जिला प्रशासन को आदेश

सीएम हिमंत बिसवा सरमा ने कछार जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि विस्थापित हुए लोगों को पूरी देखभाल की जाए। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया, "मणिपुर में हाल की घटनाओं से प्रभावित कई परिवारों ने असम में शरण मांगी है। मैंने कछार के जिला प्रशासन से इन परिवारों की देखभाल करने का अनुरोध किया है। मैं एचसीएम एन बीरेन सिंह के साथ भी लगातार संपर्क में हूं और संकट की इस घड़ी में असम सरकार को पूरा समर्थन देने का वादा किया है।"

1000 से अधिक लोग पहुंचे कछार

कछार जिला के एसपी नुमल महट्टा ने कहा, "मणिपुर के 1000 से अधिक लोगों ने जिले में शरण ली है। वे जिले के विभिन्न हिस्सों में शरण ले रहे हैं। हमने कुछ स्कूलों और अन्य स्थानों पर उनके लिए सभी व्यवस्थाएं की हैं। हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं। असम राइफल्स, सीआरपीएफ ने भी हमारा साथ दिया है। स्थानीय लोग भी मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों से आने वाले लोगों की मदद कर रहे हैं।"

राज्य में शूट एट साइट ऑर्डर जारी

मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने के विरोध में एक विशेष समुदाय ने मार्च निकाला था, लेकिन धीरे-धीरे यह हिंसा पूरे क्षेत्र में फैल गई। हर तरफ लोग तोड़फोड़ और आगजनी करने लगे। स्थिति को बेकाबू होता देख प्रशासन ने पुलिस को शूट एट साइट का ऑर्डर दे दिया है। साथ ही, पूरे इलाके में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है।

केन्द्रीय गृह मंत्री कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक

पूरे इलाके में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। राज्य की स्थिति को काबू करने के लिए भाजपा की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागालैंड (नेफिउ रियो), मिजोरम (जोरमथांगा) और असम (हिमंत बिस्वा सरमा) में सिंह और उनके समकक्षों से बात करने के अलावा स्थिति की समीक्षा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मणिपुर और केंद्र सरकारों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकें की हैं।


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