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Manipur Video: महिलाओं को नग्न घुमाने के मामले में एक और गिरफ्तारी, अब तक सात आरोपी अरेस्ट; अन्य की तलाश जारी

Manipur viral video महिलाओं को नग्न घुमाने के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। सोमवार को छापेमारी के दौरान आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। अब तक इस मामले में सात आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश में इसकी कड़ी निंदा की गई थी और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई थी।

By AgencyEdited By: Shalini KumariPublished: Tue, 25 Jul 2023 11:00 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jul 2023 11:00 AM (IST)
महिलाओं को नग्न घुमाने के मामले में एक और गिरफ्तारी

इम्फाल, पीटीआई। मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने के मामले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी है। इस वीडियो की पूरे देशभर में कड़ी निंदा की गई है।

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कुल सात आरोपी हुए गिरफ्तार

पुलिस ने बताया कि सोमवार की शाम को थौबल जिले से एक अन्य आरोपी को गिरफ्तारी किया गया है। अब इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की संख्या सात हो गई है। पुलिस ने वीडियो के जरिए 14 लोगों की पहचान की थी। दरअसल, वीडियो में कुछ आरोपी दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमा रहे और उनके साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं।

महिलाओं को मुक्त करने से पहले किया यौन उत्पीड़न

भीड़ पर आरोप लगाया गया है कि दोनों महिलाओं मुक्त करने से पहले उनका यौन उत्पीड़न किया गया था। घटना का 26 सेकंड का वीडियो 19 जुलाई को सामने आया था। वीडियो में दिख रही महिलाओं में से एक पूर्व सैनिक की पत्नी है, जो असम रेजिमेंट में सूबेदार के रूप में कार्यरत थे और कारगिल युद्ध में भी लड़े थे। वीडियो के संबंध में लगभग एक महीने पहले 21 जून को कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई थी।

अब तक 160 लोगों की मौत

3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 160 से अधिक लोगों की जान चली गई है और कई घायल हुए हैं। दरअसल, जब मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) की स्थिति की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया गया था। धीरे-धीरे यह प्रदर्शन, हिंसा में बदल गई, जिसकी आग में आज भी राज्य सुलग रहा है।

मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत है और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।


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