मणिपुर में 50 साल के ग्राम प्रधान की पीट-पीटकर हत्या, UKNA उग्रवादियों पर हमले का शक
मणिपुर के चूड़ाचांदपुर जिले में अज्ञात हमलावरों ने टी खोनोम्फाई गांव के ग्राम प्रधान एम. हाओकिप की हत्या कर दी। उन पर लाठियों और धारदार हथियारों से हमला किया गया था। ग्रामीणों ने यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी के उग्रवादियों पर संदेह जताया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हाओकिप हेंगलेप उप-मंडल के टी खोनोम्फाई गांव के मुखिया थे।

फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मणिपुर के चूड़चंदपुर जिले में अज्ञात लोगों के हमले में एक ग्राम प्रधान की मौत हो गई। पीड़ित की पहचान हेंगलेप उप-मंडल के टी खोनोम्फाई गांव के प्रमुख एम. हाओकिप के रूप में हुई है। उन पर सोमवार शाम को हमला किया गया था।
ग्राम प्रधान के शरीर पर कई चोटों और जख्मों के निशान हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि हमलावरों ने उन्हें लाठियों और धारदार हथियारों से पीटा।
यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी के उग्रवादियों पर शक
ग्रामीणों ने उन्हें इलाज के लिए चूड़चंदपुर जिला अस्पताल ले जाने का प्रयास किया, लेकिन हाओकिप ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। पुलिस ने बताया कि हमले का कारण अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन संदेह है कि हमले के पीछे यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी के विद्रोही शामिल हैं। पुलिस ने हेंगलेप थाने में मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।
कौन थे हाओकिप?
हाओकिप हेंगलेप उप-मंडल के टी खोनोम्फाई गांव के मुखिया थे। मणिपुर में आज भी ग्राम प्रशासन की वंशानुगत मुखियापन प्रणाली लागू है, हालांकि 1967 में इस पारंपरिक व्यवस्था को समाप्त करने के लिए एक राज्य कानून पारित किया गया था, लेकिन उसे कभी लागू नहीं किया गया। वहीं पड़ोसी मिजोरम ने 1954 में ही वंशानुगत मुखिया प्रथा को समाप्त कर दिया था।
(समाचार एजेंसी PTI इनपुट के साथ)
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