मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह बोले- नहीं बख्शे जाएंगे सैन्य काफिले पर हमले के गुनहगार, म्यांमार सीमा होगी फुलप्रुफ
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को कहा कि म्यांमार सीमा की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। दूसरी ओर अधिकारियों ने बताया कि उग्रवादियों की खोज के लिए जंगल में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

इंफाल, एजेंसियां। उग्रवादी हमले में असम राइफल्स के कमांडिंग आफिसर और चार अन्य जवानों की मौत पर संवेदना प्रकट करते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को आश्वासन दिया कि अपराधियों को न्याय के दायरे में लाया जाएगा। सिंह ने ट्वीट कर कहा, मैंने जेएनआइएमएस मोर्चुअरी में डाक्टरों से कल के हमले में जान गंवाने वाले जवानों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में पूछताछ की। मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि अपराधियों को न्याय के दायरे में लाया जाएगा।
पीटीआइ के अनुसार बीरेन सिंह ने यह भी कहा कि म्यांमार सीमा की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। वहीं समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक बीरेन सिंह ने यह भी कहा कि कहा कि म्यांमार से घुसपैठ को रोकने के लिए सरकार सीमा पर बाड़ लगाने को प्राथमिकता दे रही है। गृह मंत्रालय ने लगभग 400 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का काम पहले ही शुरू कर दिया है। दूसरी ओर अधिकारियों ने बताया कि उग्रवादियों की खोज के लिए जंगल में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में शनिवार को भारत-म्यांमार सीमा पर उग्रवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में असम राइफल्स के कमांडिंग आफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी और चार अन्य जवानों की जान चली गई थी। हमले में कर्नल त्रिपाठी की पत्नी और बेटा भी मारा गया था।
प्रेट्र के अनुसार, कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनके परिवार और उग्रवादी हमले में जान गंवाने वाले चार अन्य जवानों के पार्थिव अवशेष को ले जाने वाले विमान को आपात स्थिति में असम के जोरहाट हवाई अड्डे पर उतारना पड़ा। सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि पार्थिव अवशेषों को सोमवार सुबह जवानों के गृहनगर भेजा जाएगा। कर्नल त्रिपाठी छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के रहने वाले थे। मारे गए अन्य जवानों में राइफलमैन श्यामल दास बंगाल के मुर्शिदाबाद, सुमन स्वार्गियरी असम के बक्सा, खतनेई कोन्याक नगालैंड के मोन और आरपी मीणा राजस्थान के दौसा जिले के निवासी थे।
बस अपने दम पर जी जाती है जिंदगी
जिंदगी तो बस अपने दम पर जी जाती है। दूसरों के कंधे पर तो जनाजे उठते हैं। कर्नल विप्लव त्रिपाठी के छह वर्षीय बेटे अबीर त्रिपाठी ने यह संवाद तिरंगे के सामने खड़ा होकर कहा था, जब उसने एक नाटक में शहीद भगत सिंह का किरदार निभाया था। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्कूल कार्यक्रम में उसने यह नाटक खेला था। लेकिन जिंदगी देखने से पहले ही अबीर उग्रवादियों के हमले में मारा गया। हमले के बाद मणिपुर की पहाडि़यों में एक मासूम बच्चे की आवाज शायद अब भी गूंज रही है-जिंदगी तो बस अपने दम पर जी जाती है।
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