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Manipur: मणिपुर में दो महिलाओं की निर्वस्त्र परेड मामले में बड़ा खुलासा, पुलिस ने ही किया था भीड़ के हवाले

पिछले साल मणिपुर हिंसा के दौरान भीड़ से बचने के लिए मदद की गुहार लगाने वाली कुकी-जोमी समुदाय की दो महिलाओं को पुलिस ने ही दंगाइयों को सौंप दिया था। इसके बाद भीड़ ने दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया और उनका यौन उत्पीड़न भी किया था। यह बात सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में कही है। मणिपुर में चार मई को हुई घटना का वीडियो जुलाई में सामने आया था।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Published: Tue, 30 Apr 2024 10:30 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 10:30 PM (IST)
मणिपुर हिंसा के दौरान मदद की गुहार लगाने वाली दो महिलाओं को पुलिस ने ही दंगाइयों को सौंप दिया था।

पीटीआई, नई दिल्ली। पिछले साल मणिपुर हिंसा के दौरान भीड़ से बचने के लिए मदद की गुहार लगाने वाली कुकी-जोमी समुदाय की दो महिलाओं को पुलिस ने ही दंगाइयों को सौंप दिया था। इसके बाद भीड़ ने दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया और उनका यौन उत्पीड़न भी किया था। यह बात सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में कही है।

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मणिपुर में चार मई को हुई इस घटना का वीडियो जुलाई में सामने आया था। वीडियो में भीड़ महिलाओं को निर्वस्त्र परेड कराती दिख रही थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस घटना पर पीड़ा जाहिर की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था इस घटना ने 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार किया है। सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।

सीबीआई ने पिछले साल 16 अक्टूबर को गुवाहाटी में सीबीआई के मामलों से संबंधित विशेष अदालत के जज के समक्ष छह आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र और एक नाबालिग के खिलाफ चाइल्ड इन कॉन्फ्लिक्ट विद द लॉ (सीसीएल) दायर किया। 18 वर्ष से कम उम्र के आरोपित के खिलाफ सीसीएल दायर किया जाता है।

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आरोपपत्र के अनुसार दोनों महिलाएं लगभग 900 - एक हजार लोगों से बचकर भाग रही थीं। भीड़ के पास एके राइफल, एसएलआर, इंसास और 303 राइफल जैसे अत्याधुनिक हथियार थे। भीड़ कांगपोकपी जिले में उनके गांव में जबरन घुस गई थी। महिलाएं अन्य पीडि़तों के साथ भीड़ से बचने के लिए जंगल में भागीं, लेकिन दंगाइयों ने उन्हें देख लिया। दोनों महिलाएं और एक पुरुष किस तरह पुलिस जिप्सी तक पहुंचे, जिसमें दो पुलिसकर्मी और चालक बैठे थे।

गाड़ी के बाहर तीन-चार कर्मी थे। पीड़ितों में से एक ने चालक से उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए कहा, लेकिन चालक ने कहा कि उसके पास चाबी नहीं है। पीड़ित महिलाओं में से एक महिला कारगिल युद्ध में देश के लिए पराक्रम दिखाने वाले सैनिक की पत्नी हैं।

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आरोपपत्र के अनुसार, पीड़ितों ने पुलिसकर्मियों से उन्हें सुरक्षित निकालने की गुहार लगाई, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं दी गई। जब भीड़ जिप्सी की ओर आई तो पुलिसकर्मियों ने पीड़ितों को भीड़ के हवाले कर दिया और मौके से भाग गए। दंगाइयों ने महिलाओं को बाहर खींच लिया, उन्हें निर्वस्त्र कर घुमाया और बाद में उनका यौन उत्पीड़न किया। सीबीआई ने हुइरेम हेरोदास मैतेयी, जिसे जुलाई में मणिपुर पुलिस ने पकड़ा था, और पांच अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है और एक किशोर के खिलाफ सीसीएल दर्ज की गई है। आरोपितों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें सामूहिक दुष्कर्म, आपराधिक साजिश से संबंधित धाराएं शामिल हैं।


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