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    पश्चिम बंगाल में SIR का दूसरा चरण शुरू, CM ममता ने बुलाई बूथ लेवल एजेंटों की बैठक

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 06:30 PM (IST)

    बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का पहला चरण पूरा हो चुका है। तृणमूल कांग्रेस ने बूथ लेवल एजेंटों की भूमिका को प्रभावी बनाने के लिए कदम उठ ...और पढ़ें

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    कोलकाता में ममता बनर्जी की महत्वपूर्ण बैठक

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का पहला चरण पूरा हो चुका है और मंगलवार को मसौदा सूची जारी होने के बाद दूसरा चरण शुरू हो गया है।

    इसे लेकर पार्टी के बूथ लेवल एजेंटों (बीएलए) की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए तृणमूल कांग्रेस एक बड़ा संगठनात्मक कदम उठाने जा रही है।

    आगामी सोमवार को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीएलए के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगी। इस बैठक में वह मतदाता सूची से संबंधित कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दे सकती हैं।

    दूसरे चरण की रणनीति और चुनौतियां

    एसआइआर के पहले चरण में बीएलओ ने घर-घर जाकर फार्म वितरित किए और डेटा को डिजिटाइज किया। मंगलवार को चुनाव आयोग द्वारा मसौदा वोटर लिस्ट प्रकाशित होने के बाद अब दूसरा चरण शुरू हो गया है।

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    इस चरण में सूची की छंटनी और जांच-परख की जाएगी। ममता बनर्जी इस बैठक में मुख्य रूप से यह स्पष्ट करेंगी कि इस बार बीएलए की भूमिका पहले से अलग और अधिक सक्रिय कैसे होगी।

    बीएलए की भूमिका को प्रभावी बनाने पर जोर

    बुधवार को कालीघाट स्थित अपने आवास पर भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के बीएलए के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्यव्यापी बैठक करने का निर्देश दिया था।

    बैठक के मुख्य एजेंडों में बूथ स्तर पर डेटा संग्रह, मतदाता सूची में नाम जोड़ने और सुधारने की प्रक्रिया। चुनाव आयोग के साथ समन्वय, आयोग के नियमों का पालन और सुचारू संपर्क। सुनवाई के दौरान आम जनता को किसी भी तरह की परेशानी से बचाना।

    कोलकाता में ममता बनर्जी की महत्वपूर्ण बैठक

    राज्य में तृणमूल के 60 हजार से अधिक बीएलए हैं, जिन्हें नेताजी इंडोर स्टेडियम में एक साथ बिठाना पार्टी नेतृत्व के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए शिफ्ट में प्रवेश या अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर विचार किया जा रहा है।

    गौरतलब है कि एसआइआर प्रक्रिया के दौरान राज्य में लगभग 58.5 लाख मतदाताओं के नाम कटने के दावों के बीच, यह बैठक चुनावी रणनीति के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।