...तो इस वजह से ममता बनर्जी को नहीं मिला हेलीकॉप्टर, CM ने बीजेपी को ठहराया जिम्मेदार
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हेलीकॉप्टर लाइसेंस की समस्या के चलते बनगांव एसआईआर विरोधी रैली में सड़क मार्ग से जाना पड़ा। हेलीकॉप्टर न मिलने से नाराज ममता ने भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा उनके साथ न खेले। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, हेलीकॉप्टर का उड़ान लाइसेंस एक्सपायर हो गया है, जिसकी जांच के आदेश दिए गए हैं। देरी से पहुंचने के कारण रैली का समय भी बदला गया।
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ममता बनर्जी का भाजपा पर हमला।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। हेलीकाप्टर कंपनी की लाइसेंस में समस्या की वजह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को SIR विरोधी रैली में शामिल होने के लिए हेलीकॉप्टर के बजाय सड़क से उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव जाना पड़ा। उन्हें मंगलवार दोपहर बनगांव के त्रिकोण पार्क में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) विरोधी सभा और मार्च में भाग लेना था।
हेलीकॉप्टर नहीं मिलने से ममता इतनी नाराज हुई कि रैली पहुंचने के साथ ही भाजपा पर हमला शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं लेट हो गई। मजाक हो रहा है।
हेलीकॉप्टर लाइसेंस में समस्या
मैंने सात-आठ महीने से हेलीकॉप्टर इस्तेमाल नहीं किया है। राज्य सरकार ने एग्रीमेंट करके हेलीकॉप्टर लिया है। सुबह उन्होंने कहा कि वे नहीं जाएंगे। मुझे 12 बजे निकलना था।
मीटिंग 12:30 बजे थी। चुनाव शुरू नहीं हुआ, लेकिन समस्या और विवाद शुरू हो गया। इस लेकर ममता ने कहा कि मैं भाजपा से कहती हूं, मेरे साथ मत खेलो। मैं जो भी खेलूंगी, उसमें तुम मुझ तक नहीं पहुंच पाओगे या मुझे पकड़ नहीं पाओगे।
ममता बनर्जी का भाजपा पर हमला
प्रशासनिक सूत्रों ने पहले बताया था कि मुख्यमंत्री को हेलीकॉप्टर से बनगांव जाना है, लेकिन लाइसेंस में कोई दिक्कत आ गई। इसलिए बदले हुए हालात में वह सड़क के रास्ते बनगांव जा रही हैं। उसी प्रशासनिक सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि मुख्यमंत्री ने पिछले छह महीने से हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल नहीं किया है।
हेलीकॉप्टर का उड़ान लाइसेंस एक्सपायर हो गया है। नियमों के मुताबिक मुख्यमंत्री के दौरे से एक दिन पहले सोमवार को हेलीकॉप्टर का अभ्यास उड़ान भी हुआ था, लेकिन तब भी सूत्र का दावा है कि लाइसेंस के बारे में कुछ नहीं बताया गया।
रैली में देरी, सड़क मार्ग से यात्रा
इस मामले की जानकारी मंगलवार को एविएशन संस्था ने दी। राज्य सचिवालय नवान्न सूत्रों के मुताबिक ऐसा क्यों हुआ, इसका पता लगाने के लिए जांच की जाएगी। नवान्न को यह मामला 'बहुत आसान' नहीं लगता।
उन्हें सड़क के रास्ते बनगांव पहुंचने में थोड़ा ज्यादा समय लग गया जिसके चलते रैली और मार्च का समय भी थोड़ा आगे बढ़ गया। मुख्यमंत्री की मीटिंग दोपहर 12:30 बजे शुरू होनी थी।
उसके बाद दोपहर 2:30 बजे मार्च शुरू होने वाला था, लेकिन मुख्यमंत्री दोपहर दो बजे ही बनगांव सभा स्थल पर पहुंच गईं और पहुंचते ही उन्होंने अपना भाषण शुरू कर दिया। सभा खत्म होने के बाद मार्च निकाला गया।

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