'बंगाल जीतने के लिए बीजेपी को...', SIR और 2026 चुनाव पर ममता बनर्जी ने केंद्र को दिया खुला चैलेंज
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एसआईआर को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी कि बंगाल को चोट पहुंचाने की कोशिश न करें। ममता ने दावा किया कि 2029 में भाजपा का बुरा हाल होगा और आगामी चुनाव के बाद उनकी सरकार नहीं रहेगी। उन्होंने निर्वाचन आयोग पर भी पक्षपात का आरोप लगाया। ममता ने कहा कि वे किसी भी वैध मतदाता का नाम मतदाता सूची से नहीं कटने देंगी।

SIR और 2026 चुनाव पर ममता बनर्जी ने केंद्र को दिया खुला चैलेंज
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने एसआईआर को लेकर मंगलवार को केंद्र पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि अगर उन्होंने मुझे चोट पहुंचाने की कोशिश की, तो पूरे देश में भाजपा की नींव हिला दूंगी। ममता ने चेतावनी दी कि वे (भाजपा व केंद्र) बंगाल को चोट पहुंचाने व मेरे साथ खेल खेलने का साहस न करें।
एसआईआर के खिलाफ बांग्लादेश की सीमा से सटे उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव में मतुआ समुदाय के गढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि राज्य में मतदाता सूची से वैध मतदाताओं का नाम कटने पर केंद्र सरकार भी गिर जाएगी। ममता ने कहा कि भाजपा के लिए 2029 और भयंकर होगा।
बंगाल में दखल करते-करते भाजपा गुजरात भी हार जाएगी
उन्होंने दावा किया कि आगामी आम चुनाव के बाद भाजपा की सरकार नहीं रहेगी। बंगाल दखल करते-करते भाजपा गुजरात भी हार जाएगी। यहां तक कहा कि भाजपा अभी से भागने की जगह खोज ले। ममता ने एसआईआर के खिलाफ दूसरी बार सड़क पर उतरते हुए रैली के बाद मतुआ के गढ़ में बनगांव से ठाकुरनगर तक तीन किलोमीटर लंबे पैदल मार्च का भी नेतृत्व किया।
हाल में बिहार में हुए चुनाव का उल्लेख करते हुए ममता ने कहा कि वहां का चुनाव नतीजा एसआईआर का परिणाम है। विपक्ष वहां भाजपा का खेल नहीं समझ पाया। हम उनका खेल समझते हैं, और हम बंगाल में उनका खेल सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने जोर दिया कि अगर उन्होंने बंगाल को चोट पहुंचाने या छूने की कोशिश की, तो हम पूरे देश को हिला देंगे। ममता ने कहा कि भाजपा उनके खिलाफ साजिश कर रही है, लेकिन वह न तो डरती हैं और न ही पीछे हटने वाली हैं।
निर्वाचन आयोग भाजपा आयोग में बदल गया: सीएम
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग अब निष्पक्ष संस्था नहीं रह गया है, वह भाजपा आयोग में बदल गया है, जो दिल्ली से मिले निर्देशों पर काम कर रहा है और वह एआई का इस्तेमाल हेरफेर के लिए एक उपकरण के रूप में करेगा। एसआईआर प्रक्रिया को अव्यवस्थित बताते हुए ममता ने कहा कि जब मतदाता सूची का मसौदा जारी होगा तब लोगों को चुनाव आयोग और भाजपा की ओर से पैदा की गई आपदा का एहसास होगा।
उन्होंने सवाल किया कि अगर एसआईआर का उद्देश्य बांग्लादेशी नागरिकों को वोटर लिस्ट से हटाना है तो चुनाव आयोग मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में यह प्रक्रिया क्यों कर रह है। उन्होंने कहा कि मैं बांग्लादेश को एक देश के रूप में प्यार करती हूं क्योंकि हमारी भाषा एक ही है। मैं बीरभूम में पैदा हुई, वरना मुझे भी बांग्लादेशी कहा जाता।
ममता ने कहा कि ट्रेनें, प्लेन, बार्डर सब केंद्रीय एजेंसियों के नियंत्रण में हैं। पासपोर्ट, कस्टम और एक्साइज सब सेंट्रल सरकार देखती है। फिर हमने बंगाल में बांग्लादेशियों की घुसपैठ कैसे कराई?
एसआईआर दो-तीन वर्षों में किया जाए तो हम समर्थन देंगे
ममता ने फिर सवाल उठाया कि एसआईआर इतनी जल्दी में क्यों किया जा रहा है?उन्होंने कहा कि यदि एसआईआर दो या तीन वर्षों में किया जाए तो हम इस प्रक्रिया को हरसंभव संसाधन के साथ समर्थन देंगे। ममता ने दावा किया कि एसआईआर प्रक्रिया को लेकर फैली घबराहट के कारण बंगाल में 35-36 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। कई लोगों ने खुदकुशी कर ली। उन्होंने आश्चर्य जताया कि 2026 के बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले दो महीने के भीतर जबरदस्ती यह कवायद क्यों की जा रही है।
जब तक मैं हूं, आपका नाम मतदाता सूची से नहीं काटने दूंगी
ममता ने कहा कि जब तक मैं यहां हूं, मैं किसी वैध मतदाता का नाम सूची से नहीं काटने दूंगी। उन्होंने शरणार्थी मतुआ समुदाय के लोगों को आगाह करते हुए कहा कि विदेशी घोषित कर उनके नाम मतदाता सूची से हटाने की साजिश हो सकती है। ममता ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सीएए के तहत मतुआ को नागरिकता दिलाने के नाम पर रुपये लेकर सीएए कार्ड बेच रही है।
हेलीकाप्टर न उडऩे को बताया साजिश
ममता ने रैली मंच से बताया कि वे सुबह हेलीकाप्टर से यहां आने वाली थीं, लेकिन अचानक सूचना मिली कि हेलीकाप्टर उड़ान नहीं भरेगा। उन्होंने इसे सुनियोजित साजिश करार देते हुए कहा कि चुनाव शुरू होने से पहले ही बाधाएं खड़ी की जा रही हैं। हालांकि बताया जा रहा है कि हेलीकाप्टर कंपनी की लाइसेंस में समस्या के कारण ममता को रैली में शामिल होने सड़क मार्ग से जाना पड़ा।

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