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    भगवा का प्रतीक बन लोकसभा तक पहुंची थीं साध्वी प्रज्ञा, लोकसभा चुनाव में दिग्गविजय सिंह को दे चुकी हैं मात

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 02:00 AM (IST)

    एबीवीपी और आरएसएस जैसे संगठनों से राजनीति में आईं प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कट्टर हिंदूवादी नेता की छवि बनाई। 2019 में भाजपा ने उन्हें भोपाल से चुनाव लड़ाया जहां उन्होंने दिग्विजय सिंह को हराया। मालेगांव विस्फोट मामले के बीच लोकसभा सदस्य रहते हुए भी उन्होंने हिंदुत्व वाली छवि बरकरार रखी। नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने और हेमंत करकरे के खिलाफ बयान देने जैसे मामलों से वह विवादों में रहीं।

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    मालेगांव ब्लास्ट केस में बरी हुईं साध्वी प्रज्ञा।(फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, भोपाल। एबीवीपी, आरएसएस, दुर्गावाहिनी जैसे संगठनों से सार्वजनिक जीवन में आई प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने हमेशा अपनी छवि कट्टर हिंदूवादी नेता की बनाई। इसी भगवा छवि का प्रतीक मानकर उन्हें भाजपा ने वर्ष 2019 में भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया।

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    कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मुस्लिम तुष्टीकरण नीति के विरोध स्वरूप भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा को चुनाव लड़ाया था।

    दिग्विजय को उन्होंने तीन लाख 64 हजार से अधिक वोटों से हराया था। यह वह समय था, जब प्रज्ञा ठाकुर पर मालेगांव विस्फोट के आरोप में मुकदमा चल रहा था। लोकसभा सदस्य बनने के बाद भी उन्होंने अपनी छवि कट्टर हिंदुत्व वाली रखी।

    उनके कई ऐसे बयान चर्चा में रहे, जिनकी किसी ने प्रशंसा की तो किसी ने आलोचना। पार्टी ने उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया, पर हिंदुत्व को लेकर उनके बयान चर्चा में रहे। हालांकि, इसके बाद से राजनीति में उनकी सक्रियता कम देखने को मिली।

    लोकसभा सदस्य रहते महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहा था। इसी तरह महाराष्ट्र में एटीएस चीफ रहे हेमंत करकरे के विरुद्ध उन्होंने खुलकर बोला था। यहां तक कहा था कि उनके श्राप से हेमंत की मौत हुई है। अपने बयानों के चलते कई बार वह पार्टी में अगल-थलग भी पड़ गई थीं।

    हिंदुत्व, सनातन, संन्यासियों को बदनाम करने के लिए रचा गया षड्यंत्र : उपमा

    प्रज्ञा ठाकुर की बड़ी बहन उपमा सिंह ने कहा कि कुछ विक्षिप्त मानसिकता के लोगों ने भगवा, ¨हदुत्व, सनातन, संन्यासियों को बदनाम करने के लिए षड्यंत्र रचा था। सनातनी हमेशा से वसुधैव कुटुंबकम में भरोसा रखने वाले लोग हैं। सच की जीत हुई है।

    हालांकि, प्रज्ञा ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में दूरी बनाई। कोर्ट से निकलते उन्होंने मीडिया से कहा कि आज ¨हदुत्व की जीत हुई है, भगवा आतंकवाद का आरोप झूठा साबित हो गया है।