मालेगांव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपी बरी, 17 साल बाद NIA कोर्ट का बड़ा फैसला
महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में 29 सितंबर 2008 को हुए धमाकों के मामले में विशेष एनआईए अदालत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है जिनमें साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित भी शामिल हैं। 17 साल बाद ये फैसला आया है। इस धमाके में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मालेगांव ब्लास्ट मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने आज बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मामले में साध्वी प्रज्ञा ठा समेत सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है।
एनआईए अदालत के जज ने फैसले को पढ़ते हुए कहा, "अभियोजन पक्ष ने यह तो साबित कर दिया कि मालेगांव में विस्फोट हुआ था, लेकिन यह साबित नहीं कर पाया कि उस मोटरसाइकिल में बम रखा गया था। अदालत इस नतीजे पर पहुंची है कि घायलों की उम्र 101 नहीं, बल्कि 95 साल थी और कुछ मेडिकल सर्टिफिकेट में हेराफेरी की गई थी।"
NIA Court acquits all accused in Malegaon blast case | Accused acquitted of all charges of Unlawful Activities (Prevention) Act (UAPA), Arms Act and other charges. https://t.co/GNyiAclfz7
— ANI (@ANI) July 31, 2025
कोर्ट ने फैसले में क्या-क्या कहा?
कोर्ट ने फैसले में कहा, "श्रीकांत प्रसाद पुरोहित के आवास में विस्फोटकों के भंडारण या संयोजन का कोई साक्ष्य नहीं मिला है। पंचनामा करते समय जांच अधिकारी ने घटनास्थल का कोई रूपरेखा नहीं बनाई। घटनास्थल से कोई फिंगरप्रिंट, डंप डेटा या अन्य कोई जानकारी इकट्ठा नहीं की गई।"
सैंपल भी खराब हो चुके थे, इसलिए रिपोर्ट निर्णायक और विश्वसनीय नहीं हो सकती। विस्फोट में कथित रूप से शामिल बाइक का चेसिस नंबर साफ नहीं था। अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि विस्फोट से ठीक पहले वह साध्वी प्रज्ञा के कब्जे में थी।
स्पेशल एनआईए कोर्ट, मुंबई
अदालत ने कहा, "इस मामले में यूएपीए लागू नहीं किया जाएगा क्योंकि नियमों के अनुसार अनुमति नहीं ली गई थी। इस मामले में यूएपीए के दोनों अनुमति आदेश दोषपूर्ण हैं।"
विस्फोट में हुई थी छह की मौत
29 सितंबर 2008 को लोग रमजान का महीना व नवरात्रि के त्योहार में बिजी थे। रात करीब 9 बजकर 35 मिनट पर मालेगांव के भीखू चौक पर बम ब्लास्ट हुआ। चारों तरफ धुआं और लोगों की चीखों की आवाज सुनाई देनी लगी। 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। 100 अधिक लोग घायल हो गए थे। नासिक जिले का मालेगांव मुस्लिम बहुत है।
कोर्ट ने 19 अप्रैल को सुरक्षित रखा था आदेश
अदालत ने 17 साल लंबी चली सुनावाई के बाद 19 अप्रैल को सभी सात आरोपियों के खिलाफ फैसला सुरक्षित रख लिया था। 8 मई फैसला सुनाने की तिथि तय की गई थी।
सभी आरोपियों को इस दिन पेश होने का आदेश दिया गया था, लेकिन फिर कोर्ट ने 31 जुलाई फैसला सुनाने की तिथि तय कर दी थी।
सात आरोपी आज अदालत में होंगे पेश
इस केस की जांच महाराष्ट्र एटीएस के तत्कालीन प्रमुख और शहीद आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे को सौंपी गई थी। उन्होंने कुल 12 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जिसमें कोर्ट ने पांच आरोपियों को बरी कर दिया था।
आज (गुरुवार) को साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित (सेवानिवृत्त), मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर धर द्विवेदी उर्फ दयानंद पांडे और सुधाकर चतुर्वेदी पर फैसला आया है।।
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