लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को मिला प्रमोशन, मालेगांव ब्लास्ट केस में बरी होने के बाद मिली ये रैंक
2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बरी किए गए लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को कर्नल के पद पर पदोन्नत किया गया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उन्हें बधाई दी और देशभक्त बताया। पुरोहित उन सात आरोपियों में शामिल थे जिन्हें एनआईए अदालत ने बरी कर दिया था। अदालत ने सबूतों के अभाव का हवाला दिया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बरी किए गए लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को वर्षों की कानूनी लड़ाई के बाद कर्नल के पद पर पदोन्नत किया गया है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पुरोहित को उनकी पदोन्नति पर बधाई दी है और उन्हें देशभक्त बताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, "कर्नल पुरोहित को वर्दी में वापस आने पर बधाई। सरकार उन देशभक्तों के साथ दृढ़ता से खड़ी है जो साहस और निष्ठा के साथ देश की सेवा करते हैं।"
अदालत ने किया बरी
पुरोहित उन सात आरोपियों में शामिल थे जिन्हें 31 जुलाई को विशेष एनआईए अदालत ने बरी कर दिया। अदालत ने कहा था कि मात्र संदेह सबूत की जगह नहीं ले सकता और उचित संदेह से परे विश्वसनीय और ठोस सबूतों के अभाव का हवाला दिया था।
9 साल जेल में रहे बंद
29 सितम्बर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव कस्बे में एक मस्जिद के पास यह विस्फोट हुआ था, जिसमें छह लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हो गए थे। इस घटना के सिलसिले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अंततः केवल सात लोगों पर ही मुकदमा चलाया गया। कर्नल पुरोहित 9 साल तक जेल में बंद रहे थे। उन्होंने कोर्ट में दलील दी थी कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है।
प्रसाद श्रीकांत पुरोहित और भाजपा नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी सात आरोपियों को इस साल 31 जुलाई को एनआईए की एक अदालत ने बरी कर दिया था। बरी किए गए अन्य आरोपियों में मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय राहिरकर, सुधांकर धर द्विवेदी (शंकराचार्य) और समीर कुलकर्णी शामिल हैं।
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