'सोनिया, चिदंबरम माफी मांगें...', Malegaon Blast Case में फैसले के बाद बोली भाजपा, ओवैसी बोले- फिर 6 लोगों को किसने मारा
Malegaon Blast Case मालेगांव ब्लास्ट केस में एनआईए कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष धमाके की बात तो साबित कर पाया लेकिन यह सिद्ध नहीं कर सका कि मोटरसाइकिल में बम रखा गया था। अमित मालवीय ने कांग्रेस पर वोटबैंक की राजनीति के लिए भगवा आतंकवाद का झूठा नैरेटिव गढ़ने का आरोप लगाया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मालेगांव ब्लास्ट केस में NIA की विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
कोर्ट ने यह भी साफ किया कि अभियोजन पक्ष धमाके की बात तो साबित कर पाया, लेकिन यह सिद्ध नहीं कर सका कि मोटरसाइकिल में बम रखा गया था।
अदालत के फैसले के बाद भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, "हिंदू कभी आतंकी नहीं हो सकता। कांग्रेस ने सिर्फ वोटबैंक की राजनीति के लिए भगवा आतंकवाद का झूठा नैरेटिव गढ़ा और निर्दोषों पर फर्जी केस थोपे।"
उन्होंने आगे लिखा, "साफ है कांग्रेस ने एक साजिश रची थी। सोनिया गांधी, पी. चिदंबरम और सुशीलकुमार शिंदे जैसे नेताओं को सनातन धर्म को बदनाम करने के लिए हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए। सनातन धर्म पवित्र है। हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता। गर्व से कहो हम हिंदू हैं।"
'छह लोगों को किसने मारा?'
वहीं ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लमीन के प्रमुख और हैदराबाद से सासंद असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर एक पोस्ट लिख कर कहा, "मालेगांव विस्फोट मामले का फैसला निराशाजनक है। विस्फोट में छह नमाजी मारे गए और लगभग 100 घायल हुए। उन्हें उनके धर्म के कारण निशाना बनाया गया। जानबूझकर की गई घटिया जांच/अभियोजन पक्ष ही बरी होने के लिए जिम्मेदार है।"
ओवैसी ने आगे लिखा, "विस्फोट के 17 साल बाद, अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। क्या मोदी और फडणवीस सरकारें इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगी, जिस तरह उन्होंने मुंबई ट्रेन विस्फोटों में आरोपियों को बरी करने पर रोक लगाने की मांग की थी? क्या महाराष्ट्र के "धर्मनिरपेक्ष" राजनीतिक दल जवाबदेही की मांग करेंगे? उन छह लोगों की हत्या किसने की?"
1. The Malegaon blast case verdict is disappointing. Six namazis were killed in the blast and nearly 100 were injured. They were targeted for their religion. A deliberately shoddy investigation/prosecution is responsible for the acquittal.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 31, 2025
2. 17 years after the blast, the Court…
औवेसी ने लिखा, "करकरे ने मालेगांव में हुई साजिश का पर्दाफ़ाश किया था और दुर्भाग्य से 26/11 के हमलों में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा मारे गए। भाजपा सांसद ने सार्वजनिक रूप से कहा कि उन्होंने करकरे को श्राप दिया था और उनकी मृत्यु उसी श्राप का परिणाम थी। क्या एनआईए/एटीएस अधिकारियों को उनकी दोषपूर्ण जांच के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा? मुझे लगता है कि हम इसका उत्तर जानते हैं। यह "आतंकवाद के विरुद्ध कठोर" मोदी सरकार है। दुनिया याद रखेगी कि इसने एक आतंकवाद के आरोपी को सांसद बनाया।"
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