मोस्ट वांटेड मेजर इकबाल और समीर अली कौन, क्यों की थी शिवसेना भवन में घुसने की कोशिश? तहव्वुर राणा खोलेगा राज
10 अप्रैल को अमेरिका से भारत लाए गए तहव्वुर राणा से भारतीय जांच एजेंसी एनआईए (NIA) नए सिरे से पूछताछ में जुटी हुई है। एनआईए के सूत्रों के मुताबिक राणा से पूछताछ का मुख्य फोकस दो नामों पर है। पहला नाम है मेजर इकबाल और दूसरा नाम है मेजर समीर अली। ये दोनों NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में भी शामिल है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा की अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण के बाद 2008 के मुंबई हमलों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) की कथित भूमिका फिर से सुर्खियों में है।
10 अप्रैल को अमेरिका से भारत लाए गए तहव्वुर राणा से भारतीय जांच एजेंसी एनआईए (NIA) नए सिरे से पूछताछ में जुटी हुई है। एनआईए के सूत्रों के मुताबिक, राणा से पूछताछ का मुख्य फोकस दो नामों पर है। पहला नाम है मेजर इकबाल और दूसरा नाम है मेजर समीर अली। ये दोनों NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में भी शामिल है।
तहव्वुर राणा अब भारतीय जांच एजेंसियों की निगरानी में है और माना जा रहा है कि राणा के जरिए जांच एजेंसियां यह जानना चाहती है कि क्या इन दोनों आईएसआई अधिकारी तहव्वुर के जरिए 26/11 हमलों की साजिश को अंजाम तक पहुंचाया था।
कौन है मेजर इकबाल?
पीटीआई की 2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेजर इकबाल कोई मामूली खिलाड़ी नहीं था। 2010 के शिकागो अभियोग में उसे आईएसआई का सक्रिय अधिकारी बताया गया था। उस पर आरोप है कि उसने डेविड कोलमैन हेडली को फंडिंग दी, उसे प्रशिक्षण दिया और मुंबई में रेकी करवाने की पूरी योजना को अंजाम तक पहुंचाया।
कौन है डेविड कोलमैन हैडली?
डोविड हेडली अमेरिकी-पाकिस्तानी डबल एजेंट था। उसने खुद 2010 में दोषी ठहराए जाने के बाद ये कबूल किया था कि मेजर इकबाल उसका मुख्य ISI हैंडलर था। 2011 की गवाही में हेडली ने बताया था कि उसने 'चौधरी खान' (मेजर इकबाल का कोड नेम) के साथ 20 से अधिक ईमेल का आदान-प्रदान किया था। एक ईमेल में राजाराम रेगे नामक शिवसेना नेता को 'कवर' के रूप में इस्तेमाल करने का जिक्र भी था।
पीटीआई की 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार, राजाराम रेगे ने कहा था, "हेडली मुझसे शिवसेना भवन के बाहर मिला था, लेकिन मैंने उसे अंदर जाने की अनुमति नहीं दी थी।" एक अन्य ईमेल में मेजर इकबाल ने हेडली से 'प्रोजेक्ट्स' की जानकारी और सर्विलांस उपकरण की रिपोर्ट मांगी थी।
अमेरिकी अभियोग में मेजर इकबाल को पाकिस्तान का निवासी बताया गया था, जिसने लश्कर द्वारा हमलों की योजना बनाने और उसे फंडिंग करने में भाग लिया था। उस पर आतंकी साजिश रचने का आरोप भी लगाया गया था। हालांकि, दस्तावेजों में स्पष्ट रूप से आईएसआई का कोई उल्लेख नहीं है।
कंट्रोल रूम से कमांड देने वाला मेजर समीर अली कौन है?
मेजर इकबाल साजिश को बुनने वाला एक योजनाकार था और वहीं मेजर समीर अली उन योजनाओं को अंजाम देने वाला एक 'फील्ड मार्शल' था। 26/11 हमलों के हैंडलर और 2012 में गिरफ्तार हुए जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल के अनुसार, समीर अली कराची के मलिर कैंटोनमेंट स्थित कंट्रोल रूम से पूरे ऑपरेशन कि निगरानी कर रहा था।
अबु जिंदाल ने अपनी गवाही में कहा था कि मेजर समीर अली ने लश्कर कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी को सीधे निर्देश दिए थे। इंटरपोल की रेड नोटिस के अनुसार, समीर अली 1966 में पाकिस्तान के लाहौर शहर में जन्मा था और उसे उर्दू, हिन्दी और अंग्रेजी भाषा काफी अच्छे से आती थी। भारत उसे संगठित अपराध और आतंकवाद के मामलों में तलाश कर रहा है।
हालांकि, पाकिस्तान ने बार-बार इस बात से इनकार किया है कि ऐसा कोई व्यक्ति मौजूद भी था। पाकिस्तान ने समीर अली को एक 'फिक्शनल कैरेक्टर' तक बताया है।
कराची कंट्रोल रूम पर पाकिस्तान फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी का छापा
इकोनॉमिक टाइम्स की 2012 की रिपोर्ट के अनुसार, जुंदाल ने बताया कि मुंबई आतंकी हमलों के कुछ हफ्तों के बाद पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) ने कराची कंट्रोल रूम पर छापा मारा था और सबूत नष्ट कर दिए थे।
इस छापे के कुछ महीनों के बाद पीओके के मुजफ्फराबाद स्थित 'बैतुल मुजाहिदीन' कैंप से जकी-उर-रहमान लखवी को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, इस दौरान अबु जुंदाल और एक अन्य ट्रेनर अबु कहाफा पीछे के दरवाजे से भाग निकलने में कामयाब हो गए थे।
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