नौसेना के हेलीकॉप्टरों के रखरखाव के लिए अमेरिका से बड़ा समझौता, दोनों देशों के बीच हुए हस्ताक्षर
भारत ने नौसेना के 24 सी-हाक (एमएच-60आर) हेलिकॉप्टरों के पांच वर्षों के रखरखाव के लिए ''फॉलोऑनसपोर्ट'' पैकेज के तहत अमेरिका के साथ 7995 करोड़ रुपये का समझौता किया है। इससे नौसेना की क्षमता में बढ़ोतरी होगी।

नौसेना के हेलीकॉप्टरों के रखरखाव के लिए अमेरिका से बड़ा समझौता (फोटो- एक्स)
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने नौसेना के 24 सी-हाक (एमएच-60आर) हेलिकॉप्टरों के पांच वर्षों के रखरखाव के लिए ''फॉलो ऑन सपोर्ट'' पैकेज के तहत अमेरिका के साथ 7995 करोड़ रुपये का समझौता किया है। इससे नौसेना की क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अगस्त के आखिर में भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत का शुल्क लगाने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में आए कुछ तनाव के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। एमएच-60आर को लॉकहीड मार्टिन कॉरपोरेशन ने बनाया है। इन्हें रात में भी संचालित किया जा सकता है और ये पनडुब्बीरोधी युद्ध में सक्षम हैं। विभिन्न अभियानों में मदद करने के लिहाज से ये आधुनिक एवियोनिक्स और सेंसर से लैस हैं।
भारत ने फरवरी, 2020 में 24-एमएच-60आर की खरीद के लिए अमेरिका से समझौता किया था। एचएच-60आर सीहॉक, ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर का समुद्री संस्करण है। पहले तीन एमएच-60आर हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति 2021 में की गई थी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार रखरखाव समझौते में पुर्जे, सहायक उपकरण, प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहायता, मरम्मत और कलपुर्जों की पुन:पूर्ति शामिल है। इसमें हेलिकॉप्टरों के लिए भारत में मध्यम दर्जे के कलपुर्जों की मरम्मत और रखरखाव के लिए समय-समय पर निरीक्षण की सुविधा स्थापित करने का भी प्रविधान है।
मंत्रालय ने कहा, देश में इन सुविधाओं की स्थापना से दीर्घकाल में क्षमता निर्माण सुनिश्चित होगा और आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप अमेरिकी सरकार पर निर्भरता कम होगी। साथ ही एमएसएमई और दूसरी भारतीय कंपनियों के जरिये स्वदेशी उत्पाद और सेवाओं के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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