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हिंसा फैलाकर सरकारों को गिराना चाहते थे माओवादी, पक्के सबूतों के आधार पर हुई गिरफ्तारी

महाराष्ट्र पुलिस ने दावा किया है कि वे हिंसा फैलाकर निर्वाचित सरकारों को गिराने की साजिश रच रहे थे।

By Vikas JangraEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 11:19 PM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 11:19 PM (IST)
हिंसा फैलाकर सरकारों को गिराना चाहते थे माओवादी, पक्के सबूतों के आधार पर हुई गिरफ्तारी
हिंसा फैलाकर सरकारों को गिराना चाहते थे माओवादी, पक्के सबूतों के आधार पर हुई गिरफ्तारी

मुंबई [राज्य ब्यूरो]। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार माओवादियों के बारे में महाराष्ट्र पुलिस ने दावा किया है कि वे हिंसा फैलाकर निर्वाचित सरकारों को गिराने की साजिश रच रहे थे। महाराष्ट्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) परम बीर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि चीन और रूस से हथियार प्राप्त कर हिंसा फैलाना इसी साजिश का एक हिस्सा था।

हथियारों की सौदेबाजी में हैदराबाद से गिरफ्तार वरवर राव की अहम भूमिका सामने आ रही है। पेरिस सहित विदेश में और भी कई स्थानों पर इनकी बैठकें होती रही हैं और इन्हें विदेश से आर्थिक मदद मिलने के सुबूत भी पुलिस को मिले हैं। उन्होंने कहा कि इन सबको ठोस सुबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।
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पुणे पुलिस ने पिछले मंगलवार को कई राज्यों में प्रमुख माओवादी कार्यकर्ताओं के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान हैदराबाद से वरवर राव, फरीदाबाद से एडवोकेट सुधा भारद्वाज, दिल्ली से गौतम नवलखा, मुंबई से वेरनन गोंजाल्विस और ठाणे से वकील अरुण फरेरा को गिरफ्तार किया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इन पांचों को घर में नजरबंद रखने का आदेश दिया था।

परम बीर सिंह ने दावा किया कि उनके पास इसी सप्ताह गिरफ्तार माओवादियों के संपर्क जून में गिरफ्तार माओवादियों से होने के पक्के सुबूत हैं। रोना विल्सन और एक माओवादी के बीच एक ईमेल पुलिस को मिला है, जिसमें मोदी-राज खत्म करने के लिए राजीव गांधी जैसा कांड करने की बात कही गई है। सिंह ने रोना विल्सन और सुधा भारद्वाज के मेल एवं पत्रों का हवाला देते हुए नक्सलियों एवं कश्मीरी अलगाववादियों से इन माओवादियों के गहरे संबंध बताए।

कई हिंसक वारदातों में शामिल
परम बीर सिंह ने कहा कि जून में और पिछले मंगलवार को गिरफ्तार माओवादियों के पास से उन्हें हजारों पत्र मिले हैं, जिनसे देश में हुई कई हिंसक वारदातों में इन माओवादियों की भूमिका का पता चलता है। पुलिस उचित समय पर ये सभी सुबूत कोर्ट में पेश करेगी।

साईबाबा से ज्यादा सुबूत
सिंह ने कहा कि जितने सुबूतों के आधार पर जीएन साईबाबा को सजा हो चुकी है, इन पांचों के विरुद्ध उससे ज्यादा सुबूत हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर साईबाबा को गढ़चिरौली कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उनको माओवादियों से संपर्क रखने और भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने का दोषी पाया गया था।
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सुबूत जुटाने में बरती सावधानी
-परम बीर सिंह ने कहा कि गिरफ्तार पांचों माओवादियों के विरुद्ध सुबूत इकट्ठा करते समय पुलिस ने पूरी सावधानी बरती है।
-इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों सहित अन्य सभी सुबूत पंचों और खुद आरोपितों की उपस्थिति में उनके दस्तखत करवाकर सील किए गए हैं।
-ये सभी सुबूत फोरेंसिक लैब को दिए गए हैं। फोरेंसिक लैब ने सुबूतों की वास्तविक प्रति पुलिस को लौटा दी है। इसके आधार पर जांच जारी है।


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