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    'NSE के बिना कोई विकसित भारत नहीं', मुंबई में आइकॉनिक बुल स्टैच्यू का अनावरण कर बोले राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन

    Updated: Fri, 06 Sep 2024 10:26 PM (IST)

    महाराष्ट्र स्थित नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज मुख्यालय में बुल की मशहूर प्रतिमा का अनावरण शुक्रवार को किया गया। राज्यपाल श्री सी पी राधाकृष्णन ने बुल के साथ एनएसई की खास यात्रा पर आधारित द जर्नी ऑफ एम्पावरिंग 1.4 बिलियन ड्रीम्स नामक स्मारक कॉफी टेबल बुक भी लॉन्च की। उन्होंने कहा कि एनएसई की भूमिका के बिना कोई विकसित भारत नहीं है।

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    राज्यपाल ने किया एनएसई बुल की प्रतिष्ठित प्रतिमा का अनावरण।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी पी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज मुख्यालय में बुल की प्रतिष्ठित प्रतिमा का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने एनएसई के एमडी और सीईओ श्री आशीषकुमार चौहान के साथ 'द जर्नी ऑफ एम्पावरिंग 1.4 बिलियन ड्रीम्स' नामक एक स्मारक कॉफी टेबल बुक लॉन्च की।

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    गौरतलब है कि एनएसई बुल की प्रतिमा ताकत, शक्ति और लचीलेपन का प्रतिनिधित्व करती है- जो गुण भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं। बैल के मजबूत पैर, उभरा हुआ कूबड़ और जबरदस्त उपस्थिति देश के मजबूत वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र का प्रतीक है।

    बुल के चारों ओर खास प्रतिमाएं

    बुल के चारों ओर विभिन्न पृष्ठभूमियों से भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाली हस्तियों - जैसे कि एक स्कूल जाने वाला लड़का, एक ग्रामीण महिला और पेशेवर की भी मूर्तियां हैं, जो कि भारत के निवेश परिदृश्य की समावेशिता और एकता को रेखांकित करती है। यह प्रतिष्ठित रचना आर्थिक प्रगति के एक साझा लक्ष्य की दिशा में मिलकर काम करते हुए राष्ट्र के सामूहिक प्रयासों को दर्शाती है।

    एनएसई की कॉफी टेबल बुक, 'द जर्नी ऑफ एम्पावरिंग 1.4 बिलियन ड्रीम्स' एनएसई के विकास और पिछले 30 वर्षों में भारत की विकास कहानी में इसके योगदान का प्रतिबिंब है। 1994 में अपने इसकी शुरुआत के बाद से पिछले 30 वर्षों में एनएसई ने भारत के पूंजी बाजार में जो क्रांति लाई है। यह पुस्तक भारत के विकास में एनएसई की महत्वपूर्ण भूमिका का वर्णन करती है।

    (स्मारक कॉफी टेबल बुक लॉन्च करते राज्यपाल)

    भारत की यात्रा में प्रतीकत्मक मील

    एनएसई की बुल मूर्तिकला और कॉफी टेबल बुक भारत की पूंजी बाजार यात्रा में प्रतीकात्मक मील के पत्थर के रूप में खड़ी हैं। आज, भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और चौथा सबसे बड़ा पूंजी बाजार है, जबकि एनएसई ऑर्डर और ट्रेडों की संख्या और गतिविधि के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बन गया है। यह उपलब्धि विश्व स्तरीय संस्थानों को बनाने और बनाए रखने की भारत की क्षमता का एक प्रमाण है।

    इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा, 'मुझे एनएसई की बुल और कॉफी टेबल बुक की प्रतिमा का उद्घाटन करते हुए खुशी हो रही है। मैं बुल और कॉफी टेबल बुक के लिए एनएसई को बधाई देना चाहता हूं, जो भारत के पूंजी बाजारों में क्रांति लाने में एनएसई की भूमिका और देश के विकास में इसके योगदान को प्रतिबिंबित करता है। वित्तीय मजबूती और ऊर्ध्वगामी गति का प्रतीक बुल की जड़ें शेयर बाजार के इतिहास में गहरी हैं।'

    'NSE की भूमिका के बिना विकसित भारत नहीं'

    उन्होंने कहा, 'जो चीज इस मूर्तिकला को अद्वितीय बनाती है, वह इसके चारों ओर मौजूद आकृतियों का समावेश है, जिनमें से प्रत्येक भारत की प्रगति में विविध प्रतिभागियों और योगदानकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करती है। एनएसई सिर्फ एक वित्तीय संस्थान नहीं है; यह भारत के विकास और आकांक्षाओं का प्रतीक है। एनएसई ने निवेशकों पर जो विश्वास पैदा किया है वह बहुत बड़ा है। यह सिर्फ विकास नहीं है, यह एक क्रांति है। एनएसई दुनिया भर से निवेश आकर्षित करने में सक्षम है। एनएसई की भूमिका के बिना कोई विकसित भारत नहीं है।'