महाराष्ट्र में महिला डाक्टर ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में दो पुलिसकर्मियों पर लगाया दुष्कर्म का आरोप
महाराष्ट्र के सातारा जिले में एक महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली। उसने अपने सुसाइड नोट में दो पुलिसकर्मियों पर दुष्कर्म और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। महिला डॉक्टर ने पहले भी शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं।

महिला डॉक्टर ने की आत्महत्या। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो मुंबई, 24 अक्टूबर। महाराष्ट्र के सातारा जिले में एक महिला डाक्टर की आत्महत्या कर ली है। उसने अपनी बाईं हथेली पर लिखे एक सुसाइड नोट में दो पुलिसकर्मियों पर अपने साथ दुष्कर्म एवं मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। इस घटना के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर है, तो सरकार की ओर से दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया जा रहा है। मुख्य आरोपित को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
गुरुवार को सातारा जिले के फलटन शहर के एक होटल के कमरे में एक महिला सरकारी डाक्टर शव लटका मिला। शव की बाईं हथेली पर लिखे एक सुसाइड नोट में दो पुलिसकर्मियों को अपने साथ दुष्कर्म करने एवं मानसिक प्रताड़ना देने का आरोप लगाते हुए साफ लिखा है कि मेरी आत्महत्या का कारण सब इंस्पेक्टर गोपाल बदाने है। उसने मेरे साथ कई बार दुष्कर्म किया, और मुझे शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़िता किया। इसके अलावा डाक्टर ने दूसरे पुलिसकर्मी प्रशांत बनकर पर मानसिक प्रताड़ना देने का आरोप लगाया है।
महिला डॉक्टर ने की आत्महत्या
महिला डाक्टर ने लिखा है कि यही आरोप फलटन के सब-डिवीजनल आफिस में तैनात डिप्टी एस.पी. को 19 जून को लिखे एक पत्र में भी लगाए हैं। इस पत्र में उपरोक्त दो पुलिसकर्मियों के अलावा एक सहायक पुलिस निरीक्षक लडपुत्रे पर भी आरोप लगाते हुए महिला डाक्टर ने लिखा था कि वह भारी तनाव में जी रही है। इस गंभीर मसले की शीघ्रातिशीघ्र जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए। करीब चार माह उसके पत्र पर कोई कार्रवाई न होने के बाद उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
पश्चिम बंगाल में महिला डाक्टरों के साथ लगभग ऐसी ही घटनाओं पर ममता सरकार को घेरनेवाली भाजपा के अपने शासन में हुई इस घटना ने विपक्ष को पड़ा हथियार मुहैया करा दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो कैसे काम चलेगा। पुलिस का काम रक्षा करना है, लेकिन जब वे ही एक महिला डाक्टर का शोषण कर रहे हैं, तो न्याय की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
पुलिसकर्मियों पर दुष्कर्म का आरोप
उन्होने सवाल किया है कि जब महिला डाक्टर ने चार माह पहले ही लिखित शिकायत दर्ज कराई थी, तो उस पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई ? वडेट्टीवार ने सरकार को भी घेरते हुए कहा है कि सरकार हमेशा पुलिस को बचाने का काम करती रहती है। इसके कारण पुलिस की ओर से होनेवाले अत्याचारों में बढ़ोत्तरी हो रही है। राकांपा (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने भी महिला डाक्टर द्वारा पहले ही वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किए जाने की बात उठाते हुए सवाल किया है कि उस समय समय उसके पत्र पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा है कि डाक्टर को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
भाजपा की ओर से इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। भाजपा की विधान परिषद सदस्य एवं प्रदेश भाजपा की महिला अध्यक्ष चित्रा वाघ ने महिलाओं को सुरक्षा का भरोसा दिलाते हुए कहा है कि इस मामले में आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने एक टीम का गठन किया है। सातारा जिले के एसपी तुषार दोषी के अनुसार घटना के मुख्य आरोपित सब इंस्पेक्टर गोपाल बदाने को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

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