Mahakal Lok: उज्जैन में महाकाल कारिडोर का कल उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी, तस्वीरें और वीडियो मन मोह लेंगी
Mahakal Lok पीएम मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन में महाकाल कारिडोर का उद्घाटन करेंगे। महाकाल मंदिर के प्रांगण में छोटी-बड़ी करीब 200 मूर्तियां हैं। कारिडोर से धर्मनगरी उज्जैन को नई पहचान मिलेगी। मूर्तियों में भगवान भोलेनाथ शक्ति गणेश और कार्तिकेय के चित्र उकेरे गए हैं।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Mahakal Lok: भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक उज्जैल में स्थित महाकालेश्वर मंदिर भी है। इस मंदिर की महिमा का वर्णन पुराणों में भी किया गया है। महाकवि कालिदास ने भी मंदिर को भावनात्मक रूप से समृद्ध किया है। एक समय था, जब उज्जैन भारतीय समय की गणना का केंद्रबिंदु हुआ करता था और महाकाल को उज्जैन का पीठासीन देवता माना जाता था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महाकाल कारिडोर का 11 अक्टूबर को उद्घाटन करेंगे, जिसके पहले चरण का काम पूरा हो गया है। दूसरे चरण का काम 2023-24 तक पूरा होगा।
महाकाल कारिडोर से उज्जैन को मिलेगी नई पहचान
महाकाल कारिडोर के बनने से धर्मनगरी उज्जैन को नई पहचान मिलेगी। भगवान शिव की जिन कथाओं का वर्णन महाभारत, वेदों और स्कंद पुराण के अवंतीखंड में मिलता है, वे कथाएं अब जीवंत हो उठेंगी। इसकी वजह यह है कि महाकालेश्वर मंदिर के नए बने महाकाल प्रांगण में इन कथाओं को दर्शाती हुई प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं।
महाकाल प्रांगण में करीब 200 छोटी-बड़ी मूर्तियां
हमारे देश के शिल्पकार सदियों से ऐसी मूर्तियां बनाते आ रहे हैं, जिसे देखकर दुनिया चकित रह जाती है। नवनिर्मित महाकाल प्रांगण में इसी श्रेष्ठता और गौरव को ध्यान में रखते हुए मूर्तियों को तैयार किया गया है। प्रांगण में छोटी-बड़ी करीब 200 मूर्तियां स्थापित की गई हैं। मूर्तियों को तैयार करने वाले कलाकारों ने पहले गहन शोध किया है। इनमें प्राचीनता और आधुनिकता दोनों का मिश्रण है।
Prime Minister @narendramodi to inaugurate Mahakal Lok tomorrow.
PM #NarendraModi to also address a public meeting in #Ujjain, #MadhyaPradesh.
#ShriMahakalLok pic.twitter.com/oTVlUdEgvR— All India Radio News (@airnewsalerts) October 10, 2022
माला के 108 मनकों की तरह बने हैं 108 स्तंभ
माला के 108 मनकों की तरह महाकाल प्रांगण में 108 स्तंभ बनाए गए हैं। इसकी वजह यह है कि सनातन धर्म में 108 अंक का बहुत महत्व है। इन पर भगवान भोलेनाथ और शक्ति के चित्र उकेरे गए हैं। इसके अलावा, कार्तिकेय और गणेश की लीलाओं को भी उकेरा गया है।
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20.25 हेक्टेयर में बने करीब 920 मीटर लंबे महाकाल प्रांगण में स्थापित मूर्तियां अपनी कहानी स्वयं बताएंगी। इसके लिए प्रतिमा के सामने बनाए गए बारकोड को स्कैन करना होगा। प्रतिमाओं को बनाने का काम 2019 से शुरू हुआ था।
कैसे पहुंचे महाकाल कारिडोर?
अगर आप भी महाकाल कारिडोर पहुंचना चाहते हैं तो यहां से निकटम हवाई अड्डा इंदौर में स्थित देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा है। यह कारिडोर से महज 53 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से दिल्ली, मुंबई, जयपुर, हैदराबाद, पुणे, भोपाल से नियमित प्लाइट्स हैं।
अगर ट्रेन की बात करें तो उज्जैन जंक्शन देश के बाकी राज्यों से जुड़ा हुआ है। सड़क मार्ग से भी यहां पहुंचा जा सकता है। उज्जैन से अहमदाबाद की दूरी 402 किमी, भोपाल की 183 किमी, दिल्ली की 774 किमी, इंदौर की 53 किमी, खजुराहो की 570 किमी, मुंबई की 655 किमी और ग्वालियर की 451 किमी है।
ऐतिहासिक स्थलों का हुआ कायाकल्प
जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, भारत को सांस्कृतिक दृष्टि से एक अलग पहचान मिली है। देश की समृद्ध विरासत, परंपरा और ऐतिहासिक स्थलों को पुनर्स्थापित किया जा रहा है। चाहे काशी विश्वनाथ धाम कारिडोर की बात हो, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा के सौंदर्यीकरण की या फिर तमाम मुश्किलों का सामना करने के बावजूद चट्टान की तरह खड़े होने वाले सोमनाथ मंदिर की, बीते आठ सालों में सभी स्थलों का कायाकल्प किया गया है।
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