सुप्रीम कोर्ट 'जूताकांड' के बाद मद्रास हाई कोर्ट में जज पर फेंकी चप्पल, अदालत ने जताई नाराजगी
मद्रास हाई कोर्ट में एक जज पर चप्पल फेंकी गई, जिससे अदालत ने सख्त नाराजगी जताई है। यह घटना सुप्रीम कोर्ट में हुए 'जूताकांड' के बाद हुई है। इस घटना ने न्यायिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न की है और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अदालत मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।

मद्रास हाई कोर्ट। (फाइल)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जूता प्रकरण के बाद अब मद्रास हाई कोर्ट परिसर में एक नाटकीय कोर्ट रूम दृश्य में हिस्ट्रीशीटर ''करुक्का'' विनोद ने एक अलग आपराधिक मामले की सुनवाई कर रहे जज पर चप्पल फेंकने का प्रयास किया। एक दिन पहले ही उसे 2023 में राजभवन के बाहर हुए पेट्रोल बम हमले के लिए 10 साल की कठोर सजा सुनाई गई थी।
कई मामलों में आरोपित विनोद को बुधवार को पूनमल्ली में एनआइए मामलों की विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था। जज टी.चंद्रशेखरन ने उसे 25 अक्टूबर, 2023 को राज भवन गेट-1 पर पेट्रोल बम फेंकने का दोषी पाया। अदालत ने हमले की गंभीरता और उसके पिछले समान घटनाओं में शामिल होने को देखते हुए उसे 10 साल की कठोर सजा सुनाई।
विनोद को केंद्रीय जेल पुजाल से मद्रास हाई कोर्ट परिसर में स्थित छठे अतिरिक्त सत्र न्यायालय में लाया गया। उसे एक अन्य मामले में सुनवाई के लिए पेश होना था, जिसमें उसके खिलाफ टी. नगर में तस्मैक आउटलेट पर पेट्रोल बम हमले का आरोप था।
गुरुवार को विनोद जैसे ही छठे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पांडियाराजन के कोर्ट रूम में लाया गया, उसने चिल्लाते हुए कहा कि राजभवन मामले में उसे दी गई 10 साल की सजा ''बहुत कठोर'' है और उसने आरोप लगाया कि उसे निशाना बनाया जा रहा है।
हिस्ट्रीशीटर ने जज पर फेंकी चप्पल
कोर्ट स्टाफ और पुलिस कर्मियों की प्रतिक्रिया से पहले उसने चप्पल निकालकर जज की ओर फेंकने का प्रयास किया। चप्पल जज के डेस्क तक नहीं पहुंची और सतर्क पुलिस अधिकारियों ने तुरंत विनोद को काबू में कर लिया। इस अप्रत्याशित घटना से कोर्ट हाल में सनसनी फैल गई।
जज पांडियाराजन ने आरोपित के व्यवहार पर असंतोष व्यक्त किया और जेल अधिकारियों को भविष्य की सुनवाई के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि विनोद को सभी आगामी कार्यवाहियों के लिए केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिये पेश किया जाए ताकि सुरक्षा जोखिमों से बचा जा सके।
सुरक्षा चूक पर आंतरिक रिपोर्ट पेश की जाएगी और जांच के परिणाम के आधार पर अतिरिक्त आरोपों पर विचार किया जा सकता है। टी.नगर पेट्रोल बम मामले में अभी सुनवाई होनी है, जबकि राजभवन हमले में विनोद 10 साल की सजा काटना शुरू कर रहा है।
(समाचार एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ)

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