Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'ईडी कोई सुपरकॉप नहीं, जिसे हर मामले की जांच का अधिकार', जानिए किस मामले पर मद्रास हाई कोर्ट ने लगाई फटकार

    Updated: Sun, 20 Jul 2025 08:57 AM (IST)

    मद्रास हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को फटकार लगाते हुए कहा कि वह कोई घूमता हथियार नहीं है जो किसी भी मामले में अपनी मर्जी से हमला कर दे। कोर्ट ने आरकेएम पावरजेन प्राइवेट लिमिटेड की 901 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट को फ्रीज करने के ईडी के आदेश को रद्द कर दिया।

    Hero Image
    मद्रास हाई कोर्ट ने लगाई ईडी की फटकार। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मद्रास हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि ईडी कोई घूमता हुआ हथियार या ड्रोन नहीं है, जो किसी भी आपराधिक मामले में अपनी मर्जी से हमला कर दे और न ही कोई सुपर कॉप है, जिसे हर मामले की जांच का अधिकार है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जस्टिस एमएस रमेश और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायण की खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ईडी की शक्तियों का इस्तेमाल केवल तभी किया जा सकता है, जब कोई अनुचित अपराध हो या फिर उस अपराध से कुछ गलत तरीके से कमाया गया हो। कोर्ट ने आरकेएम पावरजेन प्राइवेट लिमिटेड की 901 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट को फ्रीज करने के ईडी के आदेश को रद्द कर दिया।

    मद्रास हाई कोर्ट ने क्या कहा?

    पीठ ने कहा, "पीएमएलए के तहत एक पूर्वनिर्धारित अपराध का अस्तित्व जरूरी है। जब कोई पूर्वनिर्धारित अपराध ही नहीं है तो पीएमएलए के तहत कार्रवाई करना अनुचित है।" कोर्ट ने ईडी के अधिकार क्षेत्र की तुलना एक लिमपेट माइन से की, जिसे चलाने के लिए एक जहाज की जरूरत होती है। अदालत ने कहा, "जहाज ही अपराध का आधार है और अपराध की आय है।"

    कोर्ट ने किस मामले में दिया ये फैसला?

    अदालत का यह फैसला आरकेएम पावरजेन प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर आया है, जिसमें ईडी की ओर से 31 जनवरी को उसके फिक्स्ड डिपॉजिट पर रोक लगाने के आदेश को चुनौती दी गई। सीनियर एडवोकेट बी. कुमार ने कंपनी की ओर से कहा कि इस रोक में पहले के अदालती फैसलों की अवहेलना की गई है और इसमें नए तथ्यों का अभाव है।

    आरकेएम को 2006 में फतेहपुर पूर्वी कोयला ब्लॉक आवंटित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में आवंटन रद्द कर दिया था। सीबीआई ने शुरुआत में एक एफआईआर दर्ज की लेकिन 2017 में यह मामला बंद हो गया था। इसके बाद भी ईडी ने 2015 में पीएमएलए जांच शुरू की और आरकेएम के खातों पर रोक लगा दी, जिसे मद्रास हाई कोर्ट ने पहले ही रद्द कर दिया था।

    ये भी पढ़ें: गूगल और Meta को ईडी का नोटिस, ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप केस में पूछताछ के लिए बुलाया