'शाम ढलने के बाद महिलाओं को गिरफ्तार करना गलत नहीं...': हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला
Madras HC on women arrest मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले महिलाओं को गिरफ्तार करने पर कानूनी प्रतिबंध एक प्रकार से निर् ...और पढ़ें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Madras HC on women arrest मद्रास हाईकोर्ट ने महिलाओं की गिरफ्तारी को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले महिलाओं को गिरफ्तार करने पर कानूनी प्रतिबंध एक प्रकार से निर्देश के रूप में है, लेकिन अनिवार्य नहीं हैं।
क्या बोले जज?
न्यायमूर्ति जी आर स्वामीनाथन और न्यायमूर्ति एम जोतिरामन की खंडपीठ ने कहा कि यह प्रावधान कानून प्रवर्तन के लिए एक चेतावनी उपाय की तरह है, लेकिन इसका पालन न करने पर गिरफ्तारी अवैध नहीं हो जाती।
हालांकि, TOI की रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर अधिकारी निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं करता है, तो उसे उसकी उचित वजह बतानी होगी।
इस प्रक्रिया से रात में हो सकती गिरफ्तारी
हाईकोर्ट (Madras HC on women arrest) ने इस बात पर भी जोर दिया कि कानून असाधारण स्थितियों को छोड़कर रात के समय महिलाओं की गिरफ्तारी पर रोक लगाता है। ऐसे मामलों में, क्षेत्राधिकार वाले मजिस्ट्रेट से पूर्व अनुमति की आवश्यकता होती है।
अदालत ने कहा कि प्रावधान यह परिभाषित नहीं करता है कि असाधारण स्थिति क्या होती है। "सलमा बनाम राज्य" के मामले का हवाला देते हुए, अदालत ने कहा कि एकल न्यायाधीश ने पहले महिलाओं की गिरफ्तारी के संबंध में दिशा-निर्देश तैयार किए थे। हालांकि, खंडपीठ ने पाया कि कानून प्रवर्तन अधिकारियों को स्पष्टता प्रदान करने में ये दिशा-निर्देश अपर्याप्त हैं।
रात में गिरफ्तारी के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश देने की मांग
पीठ ने पुलिस विभाग को निर्देश दिया कि वह यह स्पष्ट करने के लिए आगे दिशा-निर्देश स्थापित करें कि रात में किसी महिला की गिरफ्तारी के लिए कौन सी असाधारण स्थिति उचित है। इसके अतिरिक्त, कोर्ट ने सुझाव दिया कि राज्य विधानमंडल भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 43 में संशोधन करने पर विचार कर सकता है, जो कि भारतीय विधि आयोग द्वारा अपनी 154वीं रिपोर्ट में की गई सिफारिशों के अनुरूप है।
इसी के साथ कोर्ट ने इंस्पेक्टर अनीता और हेड कांस्टेबल कृष्णवेनी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए एकल न्यायाधीश के आदेश को खारिज कर दिया, जिन्होंने सूर्यास्त के बाद एक महिला को गिरफ्तार किया था। हालांकि, इसने अदालत के समक्ष तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने के लिए सब-इंस्पेक्टर दीपा के खिलाफ कार्रवाई को बरकरार रखा।

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