MP में बीएलओ के सहायक के रूप में BJP कार्यकर्ताओं की नियुक्ति, SIR मामले में अधिकारियों से मांगा गया स्पष्टीकरण
मध्य प्रदेश में मतदाता सूची के पुनरीक्षण में भाजपा कार्यकर्ताओं को बीएलओ सहायक नियुक्त करने पर विवाद हो गया है। कांग्रेस ने दतिया जिले में इसकी शिकायत की, जिसके बाद कलेक्टर ने इसे चूक मानते हुए संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है और भाजपा कार्यकर्ताओं के नाम तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं। कांग्रेस ने प्रशासन पर सत्ताधारी पार्टी के कठपुतले की तरह काम करने का आरोप लगाया है।

मप्र में एसआइआर में बीएलओ के सहायक के रूप में भाजपा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण(एआइआर) में बूथ लेबल आफिसर(बीएलओ) के सहायक के रूप में भाजपा कार्यकर्ताओं की बकायदा नियुक्ति किए जाने पर बखेड़ा खड़ा हो गया। दतिया जिले में सामने आए इस मामले की कांग्रेस ने शिकायत की।
कलेक्टर ने इसे चूक मानते हुए संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। भाजपा कार्यकर्ताओं के नाम बीएलओ की सूची से तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में बीएलओ के सहयोगी नियुक्त करने के लिए प्रशासन ने जन अभियान परिषद से भी सूची मांगी थी।
सूची जारी होने के बाद कांग्रेस ने की शिकायत
परिषद ने जो सूची भेजी उसमें ऐसे व्यक्तियों के नाम शामिल पाए गए, जो भाजपा में सक्रिय पदाधिकारी हैं। सूची जारी होने के बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष अशोक दांगी बगदा ने शिकायत की। सूची में मनीष मिश्रा मंडल अध्यक्ष, बाबी राजा बुंदेला सचिव, नरेंद्र पटेल और शिवाजी राजा आदि के नाम थे।
कांग्रेस नेता ने लगाए आरोप
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर सूची साझा कर लिखा कि निर्वाचन आयोग के बाद, प्रशासन भी अब सत्ताधारी पार्टी और संगठन के खुले कठपुतले की तरह नाचता हुआ दिखाई दे रहा है।
इस मामले में कलेक्टर स्वप्निल वांखडे ने बीएलए सहायक की सूची में कुछ नाम गलत तरीके से शामिल किए जाने पर खेद जताया। कहा कि यह सूची एसडीएम (उप-खंड मजिस्ट्रेट) द्वारा जारी की गई थी। एसडीएम को नोटिस जारी किया गया है।

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