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    मध्य प्रदेश: सीधी बस हादसे में दो और शव मिले, मृतक संख्या पहुंची 53, बचाव कार्य जारी

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Fri, 19 Feb 2021 07:31 PM (IST)

    सीधी के सरदा पटना गांव में हुए बस हादसे में मृतक संख्या 53 तक पहुंच गई है। शुक्रवार को दो और शव नहर से निकाले गए। अब एक और यात्री अरविंद पुत्र विश्वनाथ कुकड़ीझर की तलाश एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम कर रही है।

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    सीधी के सरदा पटना गांव में हुए बस हादसे में मृतक संख्या 53 तक पहुंच गई।

    सीधी, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश में सीधी के सरदा पटना गांव में हुए बस हादसे में मृतक संख्या 53 तक पहुंच गई है। शुक्रवार को दो और शव नहर से निकाले गए। अब एक और यात्री अरविंद पुत्र विश्वनाथ कुकड़ीझर की तलाश रेस्क्यू टीम कर रही है। एनडीआरएफ टीम ने शुक्रवार सुबह पांच बजे बचाव कार्य शुरू किया था।

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    60 से अधिक यात्रियों को ले जा रही बस नहर में गिरने से अब तक 53 शव मिले

    मंगलवार सुबह 60 से अधिक यात्रियों को ले जा रही बस सीधी से सतना जाते समय नहर में गिर गई थी। इनमें से सात को बचा लिया गया था। अब तक 53 शव मिल चुके हैं। शुक्रवार को सीधी निवासी योगेंद्र शर्मा (28) का शव टनल के एक किमी आगे पाडन पाल के पास मिला, जबकि रमेश विश्वकर्मा (29) का शव सुबह करीब 10 बजे सुरंग के बाहर रीवा जिले के शिल्परा गांव में नहर में मिला।

    ड्राइवर ने कहा- मुझे डूबते देख स्थानीय लोगों ने बाहर निकाल लिया था

    ड्राइवर ने बताया कि वह सुबह करीब 5 बजे सीधी से बस लेकर निकला था। सीधी से निकलने के करीब ढाई घंटे बाद बस रामपुर नैकिन इलाके में नहर के पास पहुंची थी जब उसमें एक तेज आवाज हुई। ड्राइवर बालेंद्र विश्वकर्मा को भी नहीं पता कि वो आवाज कैसी थी। इसके बाद बस अचानक नहर में गिर गई। बस में बैठे लोगों के साथ वह भी डूबने लगा, लेकिन स्थानीय लोगों ने उसे बाहर निकाल लिया। बाहर निकलने के बाद उसने वहां की हालत देखी तो डर गया। वह वहां से भाग गया और बस पकड़कर सतना पहुंच गया जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

    परिजनों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा

    सीधी में हुए बस हादसे में पीड़ितों के लिए सरकार की ओर से सहायता राशि का ऐलान किया गया है, लेकिन परिजनों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा। मंगलवार को हुई दुर्घटना में अपनी नातिन और पोती को खो चुके गंभीर प्रजापति ने पूरी व्यवस्था पर ही सवाल खड़े किए हैं।दुर्घटना के अगले दिन पोस्टमार्टम स्थल पर अपनी नातिन के शव का इंतजार कर रहे गंभीर प्रजापति ने कहा है कि 2 हजार, 5 हजार या 5 लाख रुपये सहायता देने से क्या मृत लोगों की जानें वापस आ जाएंगी।

    सड़कों की खराब हालत पर लोगों का गुस्सा

    सड़कों की खराब हालत पर गुस्सा जताते हुए उन्होंने कहा कि पहले खराब सड़क बनवा कर अफसर अपनी जेबें भरते हैं। फिर दुर्घटना होने के बाद मुआवजे का ऐलान करते हैं। इससे समस्या का समाधान कैसे होगा।गंभीर प्रजापति की नातिन स्वाति अपने ममेरे भाई राजकुमार के साथ नर्सिंग की परीक्षा देने सतना जा रही थी। हादसे में राजकुमार की भी मौत हो गई थी। 

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