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    फ्रिज ब्लास्ट में टूट गई थी जबड़े की 100 से ज्यादा हड्डियां, डॉक्टर्स ने असंभव को संभव कर बच्चे को दिया जीवनदान

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 05:02 PM (IST)

    जबलपुर के बड़ेरिया मेट्रो प्राइम अस्पताल के डॉक्टरों ने फ्रिज ब्लास्ट में घायल 14 वर्षीय बच्चे के जबड़े की जटिल सर्जरी कर जीवनदान दिया। जबड़े की 100 से ज्यादा हड्डियां टूटी थीं और सांस लेने में भी दिक्कत थी। डॉक्टरों ने 5 घंटे तक सर्जरी कर हड्डियों को जोड़ा और चेहरे को पहले जैसा बनाया। यह जबलपुर का पहला ऐसा चुनौतीपूर्ण केस था जिसमें सफलता मिली।

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    ज़िन्दगी और मौत के बीच झूल रहे बच्चे को जीवनदान भी दिया (फोटो: जागरण)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बड़ेरिया मेट्रो प्राइम अस्पताल जबलपुर के चिकित्सकों की टीम ने फ्रिज ब्लास्ट में कटनी के 14 साल के एक बच्चे के क्षत विक्षत हो चुके जबड़े की जटिल सर्जरी करने में न सिर्फ बड़ी सफलता हासिल की बल्कि ज़िन्दगी और मौत के बीच झूल रहे बच्चे को जीवनदान भी दिया।

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    अस्पताल के योग्य और कुशल चिकित्सकों की टीम ने एक अलग तरह के भयावह एवं चुनौतीपूर्ण केस की सर्जरी कर असंभव को भी संभव कर दिखाया। इस जटिलतम केस की सफल सर्जरी करके बड़ेरिया मेट्रो प्राइम अस्पताल के डॉक्टर्स ने इतिहास रच दिया। यह ऑपरेशन बेहद ही दुर्लभ था क्योंकि मरीज के जबड़े की 100 से ज्यादा हड्डियां टूट चुकी थीं जिन्हें जोड़ना आसान नहीं था।

    बच्चे को सांस लेने में भी थी परेशानी

    इसके अलावा बच्चे को सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी लेकिन अस्पताल के योग्य और कुशल चिकित्सकों की टीम ने इस जटिलतम केस को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए सर्जरी प्लान की और 5 घंटे तक लगातार सर्जरी कर जबड़े की 100 से अधिक टूटी हुई हड्डियों को जोड़ा गया और बच्चे का चेहरा लगभग पहले जैसा बना दिया गया।

    संभवतः यह जबलपुर का पहला ऐसा चुनौती भरा केस था जिसमें डॉक्टर्स ने सफलता प्राप्त की है। यह सफलता हॉस्पिटल की उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा और डॉक्टरों की उत्कृष्ट कुशलता का प्रमाण है।

    विस्फोट से पूरा चेहरा बुरी तरह क्षत-विक्षत

    ऑपरेशन के बाद बच्चे का चेहरा प्लास्टिक सर्जरी के द्वारा लगभग विस्फोट के पहले जैसा ही हो गया है और बच्चे का चेहरा देखकर यह प्रतीत नहीं होता कि उसका चेहरा इतनी बुरी तरह से क्षत-विक्षत हुआ था चुकी बम विस्फोट से पूरा चेहरा बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गया था अथा बच्चे को सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी।

    इसलिए नाक, कान, गला विशेषज्ञ डॉ. राहुल चतुर्वेदी द्वारा गले से छेद करके पहले सांस लेने का रास्ता बनाया गया, फिर इस जटिल ऑपरेशन को किया गया। दरअसल, कटनी के 14 वर्षीय बालक का चेहरा बम विस्फोट की वजह से गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसकी वजह से उसका पूरा चेहरा फट गया और सांस लेना मुश्किल हो गया।

    उसे कटनी से तत्काल बड़ेरिया मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल जबलपुर लाया गया, जहाँ चिकित्सको की अथक मेहनत से बच्चे को नया जीवन मिला और उसका चेहरा फिर से पहले जैसा हो गया है |