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    रीवा में प्राचीन दरगाह में तोड़फोड़, गुंबद पर फहराया धार्मिक झंडा; तनाव के बाद भारी पुलिस बल तैनात

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 07:16 PM (IST)

    मध्य प्रदेश के रीवा में कुछ असामाजिक तत्वों ने एक पुरानी दरगाह में तोड़फोड़ की और भगवा झंडा फहरा दिया जिससे तनाव फैल गया। गुढ़ थाना क्षेत्र के गोर्गी गांव में हुई इस घटना के बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया और मरम्मत कार्य कराया। अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। शहर के काजी ने इसे अमन-चैन बिगाड़ने की साजिश बताया है।

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    रीवा की कई साल पुरानी दरगाह में तोड़फोड़।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के रीवा में शुक्रवार (15 अगस्त, 2025) की रात को कुछ असामाजिक तत्वों ने सैकड़ों साल पुरानी दरगाह में तोड़फोड़ कर उसके गुंबद पर भगवा झंडा फहरा दिया। इसके बाद इलाके में भारी तनाव फैल गया और पुलिस बल को तैनात करना पड़ा। घटना गुढ़ थाना क्षेत्र के गोर्गी गांव की है।

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    उत्पाती लोगों ने दरगाह के चबूतरे और सीढ़ियों को तोड़ दिया और मजार को उखाड़ फेंका। पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर हालात पर काबू पाया और दरगाह में मरम्मत का काम कराया। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।

    रात के अंधेर में दिया घटना को अंजाम

    अज्ञात लोगों ने इस घटना को रात के अंधेरे में अंजाम दिया। मामले की जानकारी मिलने के बाद भारी संख्या में दूसरे पक्ष के लोग इकट्ठे हो गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। मौके पर पहुंचे प्रशासन के अधिकारियों ने लोगों को शांत कराया और भरोसा दिया कि घटना को अंजाम देने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा, जल्द से जल्द पकड़ा जाएगा।

    'अमन-चैन को बिगाड़ने की साजिश'

    शहर के काजी मुफ्ती मोहम्मद मुबारक अजहरी ने बताया कि जिले में पहली बार इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया है। यह आपसी अमन-चैन को बिगाड़ने की साजिश है। गाजी मियां की यह दरगाह दोनों समुदायों के बीच आपसी भाईचारे की प्रतीक रही है। यहां पर हर समुदाय के लोग अपनी आस्था के साथ आते हैं।

    क्या है गोर्गी शहर का इतिहास?

    इतिहासकारों की अगर मानें तो चंदेल राजा करण देव ने नौवीं शताब्दी में गोर्गी शहर को बसाया था। इसे मठ-मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। राजा करण देव के सिपहसालार गाजी मियां की मौत के बाद उन्हें यहां दफनाया गया था। उन्हीं की याद में इस मजार को 9-10वीं शताब्दी में बनाया गया था। इसकी कुछ ही दूरी पर पहाड़ी पर एक शिव मंदिर भी है।

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