आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली के बिना एलईडी टीवी और वाटर फिल्टर, कैसे होगा आधुनिकीकरण?
जिले के 786 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 116 को बिना बिजली के ही सक्षम आंगनबाड़ी घोषित कर दिया गया। इन केंद्रों में बिजली का होना आवश्यक है लेकिन बिना बिजली के ही एलईडी टीवी और वाटर फिल्टर लगा दिए गए हैं। वहीं 322 आंगनबाड़ियों में बिजली होने पर भी उन्हें सक्षम घोषित नहीं किया गया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जिले की 786 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 116 केंद्रों को बिना बिजली के ही आधुनिकीकरण अभियान के तहत सक्षम आंगनबाड़ी घोषित कर दिया गया। इन सक्षम आंगनबाडि़यों के लिए बिजली का होना आवश्यक है, लेकिन हैरत की बात यह है कि इनमें बिना बिजली के एलईटी टीवी और वाटर फिल्टर लगा दिया गया।
ऐसे में सवाल यह है कि बगैर बिजली के ये एलईडी टीवी कैसे चलेंगी। वहीं जिले की 322 आंगनबाडि़यों में बिजली है, लेकिन उन्हें सक्षम घोषित नहीं किया गया है। इस मामले में जिला महिला बाल विकास अधिकारी दिव्य गुप्ता कहना है कि जहां बिजली नहीं है, वहां बिजली की फिटिंग का काम शुरू हो गया है और जल्द ही बिजली लग जाएगी।
जहां एलईडी और वाटर फिल्टर, वहां पहले फिटिंग
जिला महिला बाल विकास अधिकारी दिव्या गुप्ता ने बताया कि शासन ने सभी केंद्रों में बिजली लगाने के आदेश दिए हैं। मध्य प्रदेश बिजली बोर्ड के साथ बातचीत कर जिले के सभी 786 आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली लगाई जा रही है। उन आंगनबाडि़यों में बिजली फिटिंग पहले कराई जा रही है, जहां एलईडी टीवी और वाटर फिल्टर लगाया गया है।
ये थे मापदंड
- 'सक्षम आंगनवाड़ी' मिशन और पोषण 2.0 कार्यक्रम के तहत ग्रामीण बाल देखभाल केंद्रों का एक आधुनिक बनाया जाना है।
- केंद्रों का उद्देश्य बच्चों, किशोरियों और गर्भवती या स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए एकीकृत पोषण, प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षण सेवाएं प्रदान करना है।
- सक्षम आंगनबाड़ियां उन्हें घोषित किया गया, जहां बाउंड्रीवाल, पोषण वाटिका और रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया गया है।
ये है हकीकत
- कई आंगनबाड़ियों में तो पानी का कनेक्शन भी नहीं है। कार्यकर्ता दूर से पानी लाती हैं।
- पानी का कनेक्शन न होने जिससे वाटर फिल्टर मशीनें बेकार हो गई हैं तो एलईडी टीवी भी शोपीस बन गई हैं।
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