नोटबंदी पर संसद भी रही ठप , दोनों सदन सोमवार तक स्थगित
नोटबंदी के बाद पक्ष और विपक्ष में जोर आजमाइश जारी है। विपक्षी नेताओं ने संसद के दोनों सदनों में इसके खिलाफ जमकर हंगामा किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नोटबंदी मामले पर सरकार और विपक्ष के सदस्यों के बीच तकरार की वजह से शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही ठप रही। लोकसभा में सरकार की ओर से इस मुद्दे पर चर्चा का प्रस्ताव भी किया गया, लेकिन विपक्ष अपने कार्य स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करवाने पर अड़ा रहा। उधर, राज्य सभा में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कांग्रेस नेता आजाद से उनके एक दिन पहले के बयान को ले कर माफी की मांग करते हुए हंगामा किया।
शुक्रवार को लोकसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित विपक्ष के सांसदों ने नोटबंदी पर सदन की कार्यवाही स्थगित कर नियम 56 के तहत चर्चा करवाने की मांग की। 'प्रधानमंत्री सदन में आओ' के नारे लगाते हुए ये सभापति के आसन के नजदीक आ गए। उसके बाद सदन में शोरगुल की स्थिति देख लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने नियम 193 के तहत आज से ही शुरू करने का विपक्ष को प्रस्ताव किया। लेकिन कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राजद, सपा और वाम दलों के सदस्य अपनी मांग पर अड़े रहे। विपक्ष के इसी शोरगुल के बीच भाजपा सदस्य मीनाक्षी लेखी ने नोटबंदी पर विपक्ष के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि इसकी तुलना ऊड़ी में मारे गए फौजियों से करना गलत है।
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उधर, राज्य सभा में भी सत्ता और विपक्ष के सदस्यों में बीच जम कर झड़प होती रही। यहां सत्ता पक्ष के सदस्य चाहते थे कि विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद अपने एक दिन पहले के बयान पर माफी मांगें। सदन के अंदर ही दिए इस बयान में उन्होंने नोटबंदी की वजह से हो रही मौतों की चर्चा करते हुए इसकी तुलना ऊड़ी आतंकवादी हमलों से कर दी थी। हालांकि इस टिप्पणी को बाद में सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया था।
मगर सत्ता पक्ष इतने से संतुष्ट नहीं था। ऐसे में दोपहर ढाई बजे के बाद सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले सदन का काम चार बार और स्थगित किया जा चुका था। शुक्रवार को आजाद की माफी को ले कर जब भाजपा सांसदों ने हंगामा किया तो दूसरी तरफ कांग्रेसी सांसदों ने इस मामले पर आम लोगों को हो रही समस्या और सरकार की ओर से तैयारी नहीं होने को ले कर प्रधानमंत्री से माफी की मांग की।
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सरकार की ओर से संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आजाद के बयान के बाद लोगों को लगने लगा है कि कांग्रेस की सहानुभूति आतंकवादियों के साथ है। साथ ही उन्होंने कहा कि जब यह कदम सिर्फ उन लोगों के खिलाफ है, जिनके पास काला धन है तो फिर कांग्रेस को इससे क्यों तकलीफ हो रही है।