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    चुनाव के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर कर सकता है विचार, कहा- बहस के लिए तैयार होकर आएं

    Updated: Fri, 03 May 2024 10:30 PM (IST)

    दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में मनी लॉड्रिंग के आरोप में जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए थोड़ी राहत की खबर है। सुप्रीम कोर्ट चुनाव के मद्देनजर उनकी अंतरिम जमानत पर विचार कर सकता है। शुक्रवार को कोर्ट ने इसके संकेत दिए। कोर्ट ने ईडी की ओर से बहस कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा लगता है अभी मामले की बहस पूरी होने में समय लगेगा।

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    मंगलवार को बहस के लिए तैयार होकर आएं- कोर्ट (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में मनी लॉड्रिंग के आरोप में जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए थोड़ी राहत की खबर है। सुप्रीम कोर्ट चुनाव के मद्देनजर उनकी अंतरिम जमानत पर विचार कर सकता है। शुक्रवार को कोर्ट ने इसके संकेत दिए।

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    कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर ईडी की ओर से बहस कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा कि लगता है अभी मामले की बहस पूरी होने में समय लगेगा, ऐसे में लोकसभा चुनाव को देखते हुए कोर्ट अंतरिम जमानत पर विचार कर सकता है। वह केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर दोनों पक्षों की बहस सुन सकता है।

    मंगलवार को बहस के लिए तैयार होकर आएं- कोर्ट

    कोर्ट ने राजू से कहा कि मंगलवार को बहस के लिए तैयार होकर आएं, साथ ही यह भी बताएं कि अगर अंतरिम जमानत दी जाती है तो क्या शर्तें लगाई जा सकती हैं। कोर्ट ने यह सवाल भी किया कि क्या अपने पद के कारण उन्हें (केजरीवाल को) सरकारी फाइलों पर हस्ताक्षर करने चाहिए, वह ऐसा कर सकते हैं। ईडी के वकील ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार करने का विरोध किया और कहा कि उन्हें पहले जमानत याचिका दाखिल करने दीजिए, उन्होंने जमानत याचिका दाखिल नहीं की है।

    मंगलवार को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश

    कोर्ट ने कहा कि वे यह नहीं कह रहे कि अंतरिम जमानत दी जाएगी या नहीं। उनकी बात का कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए। वे सिर्फ यह कह रहे हैं कि कोर्ट उस पर विचार कर सकता है। राजू ने कहा कि वह अंतरिम जमानत का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संजय सिंह को देखिए कि क्या बयान दे रहे हैं। लेकिन कोर्ट ने दोनों पक्षों को बहस के लिए तैयार होकर आने की बात कहते हुए मामले को मंगलवार को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया।

    लोकसभा चुनाव घोषित होने के बाद गिरफ्तारी को मुख्य मुद्दा बनाया

    केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर ईडी द्वारा गिरफ्तारी और दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं। याचिका में केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव घोषित होने के बाद गिरफ्तारी को मुख्य मुद्दा बनाया है। मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ कर रही है।

    लगता है कि केस की सुनवाई में अभी समय लगेगा- पीठ

    शुक्रवार को जब केजरीवाल की ओर से बहस पूरी हो गई और ईडी की ओर से राजू बहस कर रहे थे, तभी पीठ ने कहा, लगता है कि केस की सुनवाई में अभी समय लगेगा। ऐसे में कोर्ट चुनाव को देखते हुए अंतरिम जमानत पर सुनवाई कर सकता है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी पूछा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा कब हुई, केजरीवाल को कब गिरफ्तार किया गया और दिल्ली में चुनाव कब है।

    केजरीवाल ने किसी भी अदालत में जमानत याचिका दाखिल नहीं की

    कोर्ट को बताया गया कि चुनाव की घोषणा 16 मार्च को हुई थी और 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया। यह भी बताया गया कि दिल्ली में 25 मई को चुनाव होना है और 23 मई को प्रचार खत्म हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने अभी तक किसी भी अदालत में जमानत याचिका दाखिल नहीं की है। हालांकि गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका में केजरीवाल ने कोर्ट से अंतरिम राहत मांगी है।

    राजनीतिक दल के इंचार्ज का हो सकता है अभियोजन

    इससे पहले मामले पर बहस करते हुए केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के साथ ही आम आदमी पार्टी के संयोजक के तौर पर केजरीवाल को आरोपित बनाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पीएमएलए की धारा-70 में राजनीतिक दल कवर नहीं होता। यह धारा कंपनी के अपराध की बात करती है। यह भी कहा कि राजनीतिक दल कुछ भी करे, उसकी जिम्मेदारी अध्यक्ष, संयोजक या महासचिव पर नहीं डाली जा सकती। राजनीतिक दल कोई कारपोरेट फर्म नहीं है।

    आपकी दलीलें स्वीकार करने लायक नहीं है- पीठ

    पार्टी का पंजीकरण जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत होता है। लेकिन पीठ ने उनकी दलीलों को नकारते हुए कहा कि आपकी दलीलें स्वीकार करने लायक नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि आम आदमी पार्टी एक न्यायिक व्यक्ति है और उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। उसे अभियुक्त बनाया जा सकता है और पीएमएलए की धारा-70 के तहत न्यायिक व्यक्ति (पार्टी) के साथ उसका इसके प्रभारी (इंचार्ज) को अभियोजित किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि क्या धारा-70 में सोसायटी कवर नहीं होगी। सिंघवी ने कहा कि उनका कहना है कि केजरीवाल के विरुद्ध सीधे तौर पर कोई सुबूत नहीं है।

    सीबीआई की जांच अभी चल रही- ईडी

    सिंघवी के बाद ईडी की ओर से बहस करते हुए राजू ने कहा कि उनके पास केजरीवाल के विरुद्ध पर्याप्त सुबूत हैं और वह साबित करेंगे कि धारा-19 के तहत उनके दोषी होने के विश्वास का कारण और सामग्री है। पीठ ने कहा कि ईडी ने धारा-70 लागू की है जिसके मुताबिक मुख्य आरोपित आम आदमी पार्टी है। राजू ने कहा कि उनके मुताबिक केजरीवाल और पार्टी दोनों आरोपित हैं। उनकी दलीलों पर पीठ ने कहा, लेकिन सीबीआई ने उनके विरुद्ध कोई केस दर्ज नहीं किया है।

    जांच अभी चल रही है

    राजू ने कहा, ताजा घटनाक्रम यह है कि सीबीआई ने उनका नाम लिया है। पीठ ने फिर सवाल किया कि क्या कोर्ट ने उस पर संज्ञान लिया है। राजू ने कहा कि बहुत लोग शामिल हैं, जांच अभी चल रही है। कोर्ट ने पूछा, अगर आम आदमी पार्टी मुख्य अभियुक्त है तो क्या पार्टी के विरुद्ध न्यायिक कार्यवाही शुरू होने तक क्या ईडी केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है। राजू का जवाब था, हां कर सकती है।

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